Haryana: दिल्ली में हरियाणा पुलिस का एक्शन, फर्जी कॉल सेंटर का किया पर्दाफाश, 4 साइबर ठग गिरफ्तार

Haryana News: हरियाणा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के उत्तम नगर एक शातिर साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. जानकारी के मुताबिक 4 आरोपी पकड़े गए हैं.

Haryana News: हरियाणा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के उत्तम नगर एक शातिर साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. जानकारी के मुताबिक 4 आरोपी पकड़े गए हैं.

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Yashodhan.Sharma
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rewari cyber thug arrested

Haryana News Photograph: (Social)

Haryana: रेवाड़ी साइबर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के उत्तम नगर में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. इस कॉल सेंटर की आड़ में देशभर में साइबर ठगी को अंजाम दिया जा रहा था. पुलिस ने मौके से चार शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो अब तक 150 से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं.

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गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह का सरगना अजीत मांझी, उसका साला विकास और दो अन्य सदस्य संदीप व संजय शामिल हैं. अजीत बिहार का रहने वाला है और पोस्ट ग्रेजुएट है. वहीं विकास और संदीप ने बैंकिंग सेक्टर में काम किया है जबकि संजय कॉल सेंटर में नौकरी कर चुका है.

वॉइस चेंजर से बनता था महिला

डीएसपी मुख्यालय डॉ. रविंद्र कुमार ने मीडिया को बताया कि अजीत मांझी अंग्रेजी में माहिर है और उसने पहले कई कॉल सेंटरों में काम किया है. वह वॉइस चेंजर की मदद से खुद को महिला बताकर लोगों को कॉल करता था. फोन पर वह खुद को बैंक कर्मचारी बताकर पीड़ितों से उनके बैंक और क्रेडिट कार्ड की जानकारी ले लेता था. फिर यह डाटा अपने अन्य साथियों को सौंपता था जो ठगी की रकम उड़ा लेते थे.

रेवाड़ी निवासी से 1.30 लाख की ठगी

रेवाड़ी के फिदेड़ी गांव निवासी नितेश से 29 मई को इसी गैंग ने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर 1.30 लाख रुपये की ठगी की थी. नितेश की शिकायत पर पुलिस ने दिल्ली और बिहार में जांच शुरू की. आखिरकार उत्तम नगर के फर्जी कॉल सेंटर तक पहुंचकर पुलिस ने चारों आरोपियों को धर दबोचा.

बिहार में खुलवाए फर्जी खाते

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी साल 2022 से रोजाना औसतन चार लोगों को निशाना बना रहे थे. ठगी की रकम बिहार में खोले गए फर्जी खातों में ट्रांसफर की जाती थी. इन खातों के मालिकों को 15-20% कमीशन दिया जाता था. पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, क्रेडिट कार्ड और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए हैं.

सट्टे की लत और बेरोजगारी ने बना दिया ठग

पूछताछ में सामने आया कि आरोपी पढ़े-लिखे और कभी अच्छी नौकरियों में थे. लेकिन 2021 में नौकरी जाने और सट्टे की लत के कारण आर्थिक संकट में फंसने पर उन्होंने 2022 में मिलकर यह ठगी का नेटवर्क खड़ा किया. अब पुलिस आरोपियों से और भी मामलों की जानकारी जुटा रही है.

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