फरीदाबादः जंगल की जमीन पर बसा खोरी गांव, SC ने दिया खाली कराने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रशासन 6 सप्ताह के अंदर जंगल की जमीन खाली कराए. कोर्ट ने कहा जरूरत पड़े तो पुलिस फोर्स का इस्तेमाल किया जाए. कोर्ट ने इस कार्य के लिए राज्य सरकार को पुलिस सहित जरूरी सहायता उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
highlights
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 10 हजार घर हटाए जाएंगे
- कोर्ट ने इसके लिए 6 हफ्ते का समय दिया
- लोगों ने कहा- 5 हजार प्रति गज खरीदी थी जमीन
नई दिल्ली:
फरीदाबाद (Faridabad) के खोरी गांव (Khori Ganv) में जंगल की जमीन पर कब्जा करने वाले परिवारों को तत्काल जगंल की जमीन को खाली करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने खोरी गांव के 10 हजार से ज्यादा घरों को तुंरत हटाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने फरीदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, फरीदाबाद पुलिस को इसके लिए 6 हफ्ते का समय दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रशासन 6 सप्ताह के अंदर जंगल की जमीन खाली कराए. कोर्ट ने कहा जरूरत पड़े तो पुलिस फोर्स का इस्तेमाल किया जाए. कोर्ट ने इस कार्य के लिए राज्य सरकार को पुलिस सहित जरूरी सहायता उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
ये भी पढ़ें- दिल्ली में 45+ के लिए 'जहां वोट वहां वैक्सीनेशन' अभियान, CM केजरीवाल ने कही ये बात
कोर्ट ने कहा कि जंगल की जमीन के मामले में कोई समझौता नहीं किया जा सकता. इस सम्बंध में हाई कोर्ट पहले ही जमीन खाली करने का आदेश दे चुका है. और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी जमीन को खाली कराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फरीदाबाद नगर निगम को भी लचर रवैया अपनाने के चलते फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की तामील होनी चाहिए थी. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन से कहा कि 6 हफ्ते के बाद जमीन खाली कराने को लेकर रिपोर्ट दाखिल करें. अगर ऐसा नहीं हुआ तो अवमानना की कार्रवाई झेलनी होगी.
इससे पहले हाईकोर्ट के आदेशानुसार जब प्रशासन लोगों से जंगल की जमीन खाली करवाने पहुंचा था, तो काफी विवाद हो गया था. अरावली क्षेत्र के गांव खोरी में नगर निगम ने हजारों निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की थी. जिसके विरोध में वहां की महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया था. महिलाओं ने लघु सचिवालय का घेराव करके खूब नारेबाजी की थी. इस मामले में बंधुआ मुक्ति मोर्चा के महासचिव निर्मल गोरान ने प्रशासन पर बिना नोटिस दिए कार्रवाई करने का आरोप लगाया था.
ये भी पढ़ें- कोवैक्सीन और स्पूतनिक पर अमेरिका नहीं हैं भरोसा, US पढ़ने जाने वालों को फिर लगानी होगी वैक्सीन
वहीं वहां रह लोगों के अनुसार उन्होंने इस जमीन को खरीदा है. स्थानीय लोगों के अनुसार उन्होंने कई वर्ष पहले आसपास के एक गांव के डीलर से 5 हजार प्रति गज जमीन खरीदी है. दिल्ली से बिजली की आपूर्ति की जाती है, जबकि यहां पेयजल की आपूर्ति टैंकरों के जरिए होती है. लोगों के अनुसार वो वर्षों से यहां रहे हैं, अब निगम तोड़फोड़ की कार्रवाई कर रहा है. फिलहाल अब सुप्रीम कोर्ट ने ही इस जमीन पर रहे लोगों को अवैध कब्जा घोषित कर दिया है. कोर्ट ने माना कि ये जमीन जंगल की है. और इसे खाली कराकर पर्यावरण की रक्षा की जाए.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी