Haryana Manisha Murder Case: हरियाणा के भिवानी जिले की मनीषा की रहस्यमयी मौत ने पूरे राज्य ही नहीं बल्कि देशभर को झकझोर कर रख दिया है. लापता होने के नौ दिन बाद उसका शव बरामद हुआ और परिवार ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया. लेकिन उसकी मौत से जुड़े सवाल अब भी जस के तस खड़े हैं. इसी वजह से मामले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है.
परिवार का सपना टूटा
मनीषा पढ़ाई में होनहार थी और डॉक्टर बनना चाहती थी. पढ़ाई के साथ वह छोटे बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती थी. परिजनों का कहना है कि बेटी का सपना पूरा होने से पहले ही बेरहमी से उसकी जान ले ली गई. परिवार का आरोप है कि यह हत्या और दुष्कर्म का मामला है, जबकि पुलिस शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या से जोड़कर देख रही है.
पोस्टमार्टम रिपोर्टों में विरोधाभास
मामले में सबसे बड़ी उलझन दो पोस्टमार्टम रिपोर्टों के बीच के अंतर से खड़ी हुई है. पहली रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि मनीषा की हत्या तेजधार हथियार से गला रेतकर की गई है. इसमें यह भी सामने आया कि शव की आंखें नहीं थीं और चेहरा एसिड से जला हुआ था. वहीं दूसरी रिपोर्ट में मौत का कारण जहरीला पदार्थ निगलना बताया गया और दुष्कर्म की भी पुष्टि नहीं हुई.
परिवार और ग्रामीणों का सवाल है कि आखिर दोनों रिपोर्टों में इतना बड़ा अंतर क्यों है. साथ ही पहली रिपोर्ट में जिन अंगों का जिक्र था, वे दूसरी रिपोर्ट में गायब बताए गए. इस विरोधाभास ने पुलिस की जांच पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
आत्महत्या की थ्योरी पर शक
गांववालों और परिजनों का कहना है कि मनीषा कभी आत्महत्या नहीं कर सकती. उनका आरोप है कि पुलिस ने शुरू से ही मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की. ग्रामीणों ने यह भी सवाल उठाया कि अगर पुलिस को आत्महत्या का कोई नोट मिला था, तो उसे पांच दिन तक छिपाकर क्यों रखा गया.
सीबीआई जांच से उम्मीद
लोगों का कहना है कि अब केवल सीबीआई जांच से ही सच्चाई सामने आ पाएगी. परिवार की मांग है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि मनीषा को न्याय मिल सके.
फिलहाल, मनीषा पंचतत्व में विलीन हो चुकी है लेकिन उसकी मौत की गुत्थी बरकरार है. अब सबकी निगाहें सीबीआई पर टिकी हैं कि वह इस रहस्य से पर्दा कब और कैसे उठाएगी.
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