AAP नेता अनुराग ढांडा ने प्रदूषण पर जताई चिंता, बोले- तीन दिन के सत्र में नहीं हुई चर्चा

आप नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र महज औपचारिकता बनकर रह गया. तीन में किसी भी तरह की कोई सार्थक बात नहीं हुई. न तो प्रदेश के किसी मुद्दे पर चर्चा हुई.

आप नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र महज औपचारिकता बनकर रह गया. तीन में किसी भी तरह की कोई सार्थक बात नहीं हुई. न तो प्रदेश के किसी मुद्दे पर चर्चा हुई.

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Dheeraj Sharma
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Anurag Dhanda AA

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. यही नहीं दिल्ली से सटे राज्य भी इन दिनों प्रदूषण का मार झेल रहे हैं. इस बीच हरियाणा में आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने प्रदेश में बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता जाहिर की है. ढांडा ने मंगलवार को बयान जारी कर हरियाणा विधानसभा के केवल तीन दिन के शीतकालीन सत्र को लेकर सवाल किया है. उन्होंने कहा कि तीन दिन के सत्र में किसी भी काम के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई. खास तौर पर बढ़ते प्रदूषण को कैसे दूर किया जाए. इससे जनता को कैसे निजात मिलेगी इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.

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औपचारिकता बनकर रह गया सत्र

आप नेता ने कहा कि हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र महज औपचारिकता बनकर रह गया. तीन में किसी भी तरह की कोई सार्थक बात नहीं हुई. न तो प्रदेश के किसी मुद्दे पर चर्चा हुई. जनता की समस्याओं पर चर्चा से बचने की कोशिश की जा रही है. 

कविता सुनाने नहीं समाधान निकालने के लिए जनता ने चुना  

अनुराग ढांडा ने आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा की विधानसभा जनता की आवाज़ बनने के बजाय भाजपा और कांग्रेस की शेरो-शायरी का मंच बन चुकी है.  जहां सदन में बेरोजगारी, अपराध, घोटाले और प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दों पर बहस होनी चाहिए थी, वहां मात्र कविताएं और तुकबंदी सुनाई दे रही हैं. उन्होंने कहा कि जनता ने विधायकों को कविता पाठ के लिए नहीं, सवाल पूछने और समाधान निकालने के लिए चुना है. 

आप नेता अनुराग ढांडा ने हरियाणा में लगातार बिगड़ते प्रदूषण पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश, खासकर NCR से सटे जिलों में हवा जहर बन चुकी है. रोहतक से लेकर पलवल, फरीदाबाद और हिसार जैसे शहरों में लोग सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहे हैं, बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर सीधा असर पड़ रहा है. अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं, लेकिन इस जानलेवा संकट पर सभी ने चुप्पी साध रखी है.  विधानसभा सत्र में न तो प्रदूषण पर कभी गंभीर चर्चा होती है और न ही जनता को राहत देने की कोई ठोस कार्ययोजना सामने रखी जा रही है.

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Haryana Anurag Dhanda
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