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अहमदाबाद समेत तीन नगर निगमों ने मांसाहार की बिक्री पर लगाया प्रतिबंध, जानिए वजह

तीनों म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की ओर से ये भी कहा गया है कि खुले में नॉनवेज बेचने वालों के साथ ही इसका सेवन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

Updated on: 15 Nov 2021, 08:04 PM

highlights

  • गुजरात के 3 नगर निगम ने खुले में अंडा और मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर लगाया प्रतिबंध
  • कानून मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने राजकोट और वडोदरा के महापौर को बताया बधाई का पात्र  
  • नगर निगमों का कहना है कि सार्वजनिक स्थलों पर खुले में मांसाहार के फूड स्टाल नहीं लगेंगे

नई दिल्ली:

गुजरात के अहमदाबाद नगर निगम ने खुले में अंडा और मांसाहारी खाद्य पदार्थों (banned the sale of non-vegetarian food) की बिक्री पर रोक लगा दी है. यह प्रतिबंध धार्मिक स्थल, गार्डन, स्कूल कॉलेज, और सार्वजनिक स्थलों के आसपास खुली जगह में फूड स्टाल (food stall) लगाने वालों पर है. निगम के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार से इस नियम का क्रियान्वयन होगा. अहमदाबाद नगर निगम का कहना है कि सार्वजनिक स्थलों पर खुले में मांसाहार के फूड स्टाल नहीं लगेंगे. इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी.

अहमदाबाद समेत अब गुजरात में तीन नगर निगमों ने खुले में मांस, मछली और अंडे की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य में पहले राजकोट म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने खुले में नॉनवेज या अंडा बेचने पर प्रतिबंध लगाया तो वडोदरा म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने भी खुले में इसकी बिक्री प्रतिबंधित कर दिया. दोनों म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की ओर से ये भी कहा गया है कि खुले में नॉनवेज बेचने वालों के साथ ही इसका सेवन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. दो शहरों में नॉनवेज और अंडे की खुले में बिक्री पर प्रतिबंध लगने के बाद ये मसला अब सियासी रंग लेता नजर आ रहा है.

गुजरात के कानून मंत्री ने राजकोट और वडोदरा म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के फैसले का बचाव किया है. गुजरात के कानून मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने खुले में मांसाहार की ब्रिकी पर प्रतिबंध को लेकर कहा है कि स्ट्रीट फूड बनाने से राहगीरों को परेशानी होती है. इससे उठने वाले धुएं और मसाले के कारण आंखों में जलन होती है.

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उन्होंने कहा है कि फुटपाथ राहगीरों के लिए है. उसपर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता. फुटपाथ पर दुकान लगाना अपने आप में एक प्रकार से जमीन का अतिक्रमण है. वेज-नॉनवेज किसी भी तरह का स्ट्रीट फूड बनाने वालों के कारण राहगीरों को परेशानी होती है. उससे उठने वाले धुएं और मसाले के कारण आंखों में जलन होती है. गुजरात के कानून मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने राजकोट और वडोदरा के महापौर को इस तरह के आदेश के लिए बधाई का पात्र बताया. गौरतलब है कि वडोदरा म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की ओर से इस संबंध में लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है. वडोदरा में इस तरह का आदेश अभी मौखिक है.