Man Not ATM के साथ गुजरात में पीड़ित पतियों ने उठाई आवाज, बयां किया दर्द

Gujarat News: गुजरात में पत्नियों से पीड़ित पति ने पुरुष आयोग बनाने की मांग की. इसके साथ ही प्ले कार्ड के जरिए यह भी बताया कि साल 2014 से लेकर 2022 तक कितने पुरुष आत्महत्या कर चुके हैं.

Gujarat News: गुजरात में पत्नियों से पीड़ित पति ने पुरुष आयोग बनाने की मांग की. इसके साथ ही प्ले कार्ड के जरिए यह भी बताया कि साल 2014 से लेकर 2022 तक कितने पुरुष आत्महत्या कर चुके हैं.

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Vineeta Kumari
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man rights Photograph: (प्रतीकात्मक)

Gujarat News: गुजरात में पत्नियों से पीड़ित पति ने सूरत में आवाज उठाई और विरोध प्रदर्शन किया. पीड़ित पतियों ने ना सिर्फ अपने हक की मांग की बल्कि उन्होंने कई प्ले कार्ड के साथ पहुंचे, जिसमें उन्होंने लिखा था- Man Not ATM, save men save nation, we want justice. इसके साथ ही उन्होंने देश में पुरुषों के लिए न्याय व्यवस्था में कमी को बताया और सभी के लिए एक समान कानून बनाने की मांग की. 

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पीड़ित पतियों ने उठाई आवाज

प्रदर्शनकारी ने 2014-2022 तक पुरुषों के सुसाइड मामले का डेटा भी लिखकर ले गए थे. उन्होंने मेन राइट्स और ह्यूमन राइटस लिखा हुआ था और उसकी मांग कर रहे थे. बता दें कि बेंगलुरु में रहकर AI इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे अतुल सुभाष ने 90 मिनट का वीडियो बनाकर और 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी. इस वीडियो और सुसाइड नोट में अतुल ने बताया था कि कैसे उसकी पत्नी निकिता और ससुरालवालों ने उसे प्रताड़ित किया.

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अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद पुरुष आयोग बनाने की मांग

अतुल ने यह भी बताया कि उसकी पत्नी ने उस पर 9 झूठे केस दर्ज कराए, जिसकी वजह से उसके साथ-साथ पूरे परिवार को परेशान किया गया. उससे तलाक के बदले 3 करोड की मोटी रकम एलीमनी के रूप में मांगी जा रही है. यहां तक कि बेटे का इस्तेमाल भी पत्नी पैसे उगाही के लिए कर रही है. 

देश की न्याय व्यवस्था पर उठ रहे सवाल

अतुल सुभाष सुसाइड केस जैसे ही लोगों के सामने आया. बहुत से पुरुषों ने अपने साथ हो रही प्रताड़ना को बताना शुरू किया. सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनल हर जगह मेन राइटस को लेकर सवाल उठाए जाने लगे. देश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए गए. लोगों का यह भी कहना है कि जब पत्नी झूठे केस  में फंसाती है और वह कोर्ट में गलत साबित हो जाती है, उसके बाद भी उस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है. गुजरात के सूरत के साथ ही देशभर में मेन राइट्स के लिए लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं. 

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