गुजरात कांग्रेस के चर्चित नेता एक बार फिर खबरों में हैं. अहमदाबाद से लेकर दिल्ली तक खलबली है. वह कांग्रेस पर हमलावर हैं और भाजपा की तारीफ कर रहे हैं. पटेल खुलकर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बोल रहे हैं. हार्दिक पटेल ने पीएम मोदी और बीजेपी की खुलकर तारीफ भी की है. ऐसे संकेत लग रहे हैं कि शायद हार्दिक पटेल बीजेपी की तरफ रूख कर लें. उनके कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में आने की अटकलें तेज हो गई हैं. पटेल ने खुद को राम भक्त कहकर पाला बदलने को कयासों को हवा दे दी है. बताया जा रहा है कि वो कांग्रेस से नाराज हैं. हार्दिक ने खुद ही ये बात कबूली है कि उनकी नाराजगी स्टेट लीडरशिप से है.
इस बीच हार्दिक पटेल ने कहा कि मेरा बीजेपी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है. मैं भाजपा द्वारा हाल ही में लिए गए राजनीतिक फैसलों का स्वागत करता हूं. गुजरात में पार्टी मजबूत है क्योंकि उनके पास निर्णय लेने की क्षमता के साथ नेतृत्व है... कांग्रेस हाईकमान पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आलाकमान मेरी बात सुनेगा.
Ahmedabad, Gujarat | I've no plans to join BJP. I welcome the political decisions that have been taken by BJP recently. The party is strong in Gujarat as they have leadership with decision-making abilities... I hope the high command will listen to me: Congress leader Hardik Patel pic.twitter.com/DdcRBgb4nY
— ANI (@ANI) April 22, 2022
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने राम मंदिर व अनुच्छेद 370 के लिए धुर विरोधी भाजपा की प्रशंसा की है. हार्दिक कांग्रेस के राष्ट्रीय व प्रदेश के नेताओं से नाराज चल रहे हैं तथा कांग्रेस की निर्णय क्षमता पर भी लगातार सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल से मिलने के बाद फिर हार्दिक ने तेवर दिखाए हैं. हार्दिक ने अपने पिता की बरसी पर 4000 भगवद्गीता भी बांटने की बात कही है. हार्दिक ने कहा है कि हम हिंदू हैं और हिंदू होने पर गर्व है.
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गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) काफी मजबूत है और भाजपा ने अनुच्छेद 370 हटाकर व राम मंदिर का निर्माण कर वादा पूरा किया, जिससे वे भी काफी प्रभावित है. हालांकि हार्दिक पटेल ने साफ कहा है कि उनका भाजपा में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है तथा ऐसा उनके दिमाग में भी नहीं आया है. बस इतना कहना चाहते हैं कि अपने विरोधी को कमजोर नहीं मानते हैं तथा उसकी नीतियों का विरोध करने के लिए पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरना होगा. यहीं पर आकर हार्दिक का रास्ता कांग्रेस से अलग होता नजर आता है.
हार्दिक ने कहा, मैंने अपने सभी राजनीतिक विकल्प खुले रखे
हार्दिक कहते हैं कांग्रेस में उन्हें काम करने नहीं दिया जा रहा है, अगर वह जमीन पर काम करना चाहते भी हैं तो उसे रोका जाता है, जो उन्हें पसंद नहीं है. हार्दिक के मुताबिक, मैंने अपने सभी राजनीतिक विकल्प खुले रखें हैं. साथ ही, कहा है कि गुजरात की जनता के हित में उन्हें जो भी फैसला करना पड़ेगा, वह करेंगे. हार्दिक कांग्रेस के साथ मिलकर गुजरात में भाजपा के खिलाफ जमीन तैयार करना चाहते हैं, लेकिन कहीं ना कहीं उनको लगता है कि कांग्रेस पहले की तरह जुझारू नहीं रह गई या प्रदेश के नेता भी नहीं चाहते कि हार्दिक कांग्रेस में सक्रिय रहे और साफ कहें तो उन्हें कांग्रेस में देखना भी नहीं चाहते, हार्दिक को ऐसा लगता है.
पिता की बरसी पर हार्दिक कराएंगे सुंदरकांड का पाठ
हार्दिक ने पिता भरत भाई पटेल की पहली बरसी पर 28 अप्रैल को अपने गांव वीरमगाम में सुंदरकांड का पाठ कराएंगे. साथ ही, भोजन भी कराएंगे. हार्दिक इस मौके पर 4000 भगवद्गीता भी बांटेंगे. कोरोना के चलते उनके पिता का देहांत हो गया था. हार्दिक को इस बात की भी टीस है कि पिता की मौत के बाद तीसरे की बैठक (बेसना) में कोई बड़ा नेता नहीं आया था. जब कांग्रेस नेताओं से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्होंने फोन पर ही हार्दिक से बात कर अपनी संवेदना जताई है. कोरोना की दूसरी लहर में गुजरात बुरी तरह प्रभावित था तथा इसी समय हार्दिक के पिता का देहांत हुआ था.