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representational image Photograph: (Social Media)
Gandhinagar: गुजरात की राजधानी गांधीनगर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक वरिष्ठ महिला डॉक्टर को साइबर अपराधियों ने तीन महीने तक डिजिटल तरीके से मानसिक रूप से बंधक बनाकर उनसे 19 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. यह मामला न केवल गुजरात बल्कि देश के अब तक के सबसे बड़े और लंबे साइबर ठगी मामलों में शामिल माना जा रहा है.
ये है पूरा मामला
यह वारदात 16 जुलाई को साइबर सेल CID क्राइम के पास दर्ज की गई थी. जांच में सामने आया कि महिला डॉक्टर को 15 मार्च से लगातार फर्जी कॉल्स आ रहे थे. खुद को साइबर पुलिस, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और अन्य सरकारी अफसर बताने वाले आरोपियों ने महिला को यह कहकर डराया कि उनके मोबाइल से आपत्तिजनक कंटेंट भेजा गया है और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है.
3 महीने तक महिला ने किसी को कुछ नहीं बताया
डर और मानसिक दबाव का माहौल ऐसा बना दिया गया कि महिला ने 3 महीने तक किसी को कुछ नहीं बताया और आरोपियों के निर्देशों पर 35 अलग-अलग बैंक खातों में 19 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. इस दौरान महिला को यहां तक कहा गया कि वह अपने गहनों पर लोन लेकर रकम जमा करें. इतना ही नहीं, जब भी वह घर से बाहर जाती थीं, वीडियो कॉल पर अपनी हर गतिविधि रिपोर्ट करती थीं.
आरोपी के खाते से 1 करोड़ बरामद
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई, उनमें से एक खाते के मालिक को सूरत से गिरफ्तार किया गया है. उसके खाते में 1 करोड़ रुपये जमा पाए गए. फिलहाल, पुलिस उससे पूछताछ कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि इसके जरिए इस अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गैंग के बाकी सदस्यों तक पहुंचा जा सकेगा.
पुलिस ने की ये अपील
संदेह है कि इस गिरोह का नेटवर्क कंबोडिया जैसे देशों से भी जुड़ा हुआ है. इस हाई-टेक साइबर क्राइम ने एक बार फिर से यह साफ कर दिया है कि डिजिटल दुनिया में सतर्कता और जागरूकता कितनी जरूरी है. पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी कॉल पर बिना जांच के भरोसा न करें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत करें.
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