logo-image

प्रसिद्ध यात्राधाम और शक्तिपीठ पावागढ़ में चढ़ेगी धजा, ऐतिहासिक क्षण के साक्षी होगे प्रधानमंत्री मोदी

गुजरात के प्रसिद्ध यात्रधाम और शक्तिपीठ पावागढ़ महाकाली माता के मंदिर पर अब सदियों बाद धजा चढ़ने जा रही हे, और इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी होगे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से गुजरात के दौरे पर हैं, 18 जून को

Updated on: 15 Jun 2022, 05:58 PM

नई दिल्ली :

गुजरात के प्रसिद्ध यात्रधाम और शक्तिपीठ पावागढ़ महाकाली माता के मंदिर पर अब सदियों बाद धजा चढ़ने जा रही हे, और इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी होगे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से गुजरात के दौरे पर हैं, 18 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात आ रहे है. साथ ही अपने दौरे की शुरुवात मोदी मां महाकाली के दर्शन कर करेंगे, साथ ही मंदिर पर धजा भी चढ़ाएंगे. ये क्षण वाकई में ऐतिहासिक है. क्योंकि सदियों बाद शक्तिपीठ पावागढ़ में धजा चढ़ने जा रही है. सालों से मंदिर का शिखर खंडित था और हिंदू मान्यता के मुताबिक खंडित शिखर पर धजा नही चढ़ाई जाती. लेकिन अब मंदिर पूरी तरह रिनोवेट हो चुका है और मां महाकाली का शिखर भी सोने से मढ़ा हूवा तैयार हो चुका है.

यह भी पढ़ें : इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों की फिर आई मौज, SBI ने कर दी ये बड़ी घोषणा

गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी भी इस शक्तिपीठ मंदिर में पहली बार जा रहे हैं, जब वह गुजरात के सीएम थे तभी भी इस मंदिर में नही आए, लेकिन अब जब मंदिर का शिखर बन कर तैयार है, तब पीएम के हाथों सारी विधियों के साथ शिखर पर धजा चढ़ाई जाएगी. पीएम की सुरक्षा के कारणों को देखते हुए 16 से 18 जून महाकाली मंदिर बंद रखने का निर्णय लिया गया है, साथ ही पावागढ़ का इतिहास पावागढ़ पहाड़ियों की तलहटी में चंपानेर नगरी है, जिसे महाराज वनराज चावड़ा ने अपने बुद्धिमान मंत्री चंपा के नाम पर बसाया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है.

विक्रम संवत 1540 में मुस्लिम सुलतान मोहम्मद बेगदो ने इस मंदिर पर हमला किया था. इस मंदिर का पुनर्निर्माण कनकाकृति महाराज दिगंबर भत्रक ने कराया. इस मंदिर को एक जमाने में शत्रुंजय मंदिर कहा जाता था.  इस मंदिर का धार्मिक महत्व भी है. मंदिर की छत पर मुस्लिमों का एक पवित्र स्थल है. इस पवित्र स्थान पर शदानशाह पीर की दरगाह स्थित है. यहाँ बड़ी संख्या में मुस्लिम श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं.