Karnataka News: कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचाने वाला एक बड़ा बयान सामने आया है. राज्य के डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा है कि राज्य सरकार एपेक्स बैंक के अध्यक्ष को बदलने की योजना बना रही है. उनका कहना है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के भीतर गंभीर चर्चा हो चुकी है और मुख्यमंत्री से भी इस पर बातचीत की जा चुकी है. उनका यह बयान कई राजनीतिक संकेत देता है और विपक्षी दलों को घेरने का एक नया मौका भी देता है.
एपेक्स बैंक अध्यक्ष बदलने की तैयारी
डीके शिवकुमार के मुताबिक, राज्य सरकार इस समय कई महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव करने की दिशा में काम कर रही है. इनमें एपेक्स बैंक के प्रशासन में बदलाव करना भी शामिल है. उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार राज्य के वित्तीय संस्थानों को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दे रही है और इसी कड़ी में एपेक्स बैंक का नेतृत्व बदलने की जरूरत महसूस की जा रही है.
उन्होंने कहा, "हम एपेक्स बैंक पर चर्चा कर रहे हैं और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए बदलाव करने की जरूरत है. कांग्रेस पार्टी ने इस पर विचार किया है और हमने मुख्यमंत्री से भी इस बारे में चर्चा की है."
राजनीतिक लाभ उठाने नहीं देंगे
डीके शिवकुमार ने अपने बयान में इस बात पर भी जोर दिया कि किसी को संसाधनों का राजनीतिक फायदा नहीं उठाने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 'चंदन की लकड़ी खूब बढ़ रही है... किसी को इसका राजनीतिक लाभ नहीं उठाने देना चाहिए.'
उनका यह बयान उन विवादों की ओर भी इशारा करता है जिनमें प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को लेकर सरकारें और निजी हित जुड़े होते हैं. कांग्रेस सरकार चाहती है कि राज्य के संसाधनों का उपयोग केवल जनता के हित में किया जाए और किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति को इसका गलत फायदा न मिले.
संसाधनों पर सभी का अधिकार
शिवकुमार ने अपने बयान में सामाजिक समरसता की बात भी कही. उन्होंने कहा, 'पानी, हवा और आग सभी धर्मों के लिए हैं. पानी, हवा, जमीन, सूरज – इन सभी पर किसी एक जाति या पंथ का अधिकार नहीं हो सकता.'
उनके इस बयान को समाज में जातिगत और सांप्रदायिक विभाजन की राजनीति पर एक कटाक्ष के रूप में भी देखा जा सकता है. कांग्रेस लंबे समय से समाज में समरसता और बराबरी की नीति को आगे बढ़ाने की बात करती रही है, और यह बयान भी उसी नीति का एक हिस्सा माना जा सकता है.
विपक्ष की प्रतिक्रिया का इंतजार
डीके शिवकुमार के इस बयान के बाद कर्नाटक की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है. भाजपा और जेडीएस जैसे विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेर सकते हैं.
राज्य में 2023 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से भाजपा लगातार सरकार पर हमलावर रही है और प्रशासनिक फैसलों को लेकर सवाल उठाती रही है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश करेगी.
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