Wrestler Protect : देश की राजधानी दिल्ली का जंतर मंतर अब पहलवानों का अखाड़ा नहीं बनेगा, इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बड़ा कदम उठाया है. भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रविवार को जंतर मंतर से संसद तक निकाल रहे पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने पहले हिरासत में लिया. इसके बाद उन्होंने जंतर मंतर पूरी तरह से खाली करा दिया है. 28 मई को पहलवानों का धरना व मार्च पर दिल्ली पुलिस ने बड़ा बयान दिया है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने रविवार को उनसे किए गए सभी अनुरोधों के बावजूद कानून का उल्लंघन किया, इसीलिए उनके धरने को खत्म करने का फैसला लिया गया है. अगर भविष्य में पहलवान फिर से धरने के लिए आवेदन देते हैं, तो उन्हें जंतर-मंतर के अलावा किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर अनुमति दी जाएगी.
दिल्ली पुलिस के पीआरओ सुमन नलवा ने कहा कि कल के प्रदर्शन को लेकर पहलवानों से बातचीत की गई थी, लेकिन इन्होंने कुछ भी सुनने से मना कर दिया. उसके बाद इन्हें हिरासत में लेना पड़ा. हमने शांतिपूर्ण तरीके से इन्हें हिरासत में लिया है... अगर ये कहीं और प्रदर्शन करने की इजाजत मांगेंगे तो इजाजत दी जा सकती है, लेकिन जंतर-मंतर पर इन्हें बैठने नहीं दिया जाएगा.
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वहीं, कल के धरने और उनके खिलाफ दर्ज हुई FIR पर पहलवान साक्षी मलिक का कहना है कि रविवार को जो स्थिति बनी वह खराब थी, हम शांतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे थे. जंतर-मंतर से 10 कदम की दूरी पर बैरिकेडिंग की गई थी. हमें जबरदस्ती बस में उठाकर डाला गया. हमें घसीटा गया, हमें चोटें भी आई हैं.
साक्षी मलिक ने पहलवान विनेश फोगट और संगीता फोगट की बस में मुस्कुराते हुए फोटो को एडिट करने के मामले पर कहा कि हमारी तस्वीरें एडिट करके सोशल मीडिया पर डाली गईं, हम परेशान थे, लेकिन हमारी हंसती हुई तस्वीर एडिट की गई. ऐसा हमें परेशान करने के लिए किया गया. मुझे नहीं लगता कि यह सही है, हमें बदनाम करने का प्रयास किया गया. अभी हमने आगे के बारे में नहीं सोचा है. हम आगे के बारे में बाद में जानकारी देंगे.