ITR दाखिल नहीं करने पर महिला को 6 महीने की हुई जेल, तीस हजारी कोर्ट ने सुनाया फैसला

एक महिला को आईटीआर नहीं भरने पर 6 महीने की जेल हुई है. तीस हजारी कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. बता दें कि महिला के आरोप लगा है कि उसने टैक्स की चोरी की थी.

एक महिला को आईटीआर नहीं भरने पर 6 महीने की जेल हुई है. तीस हजारी कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. बता दें कि महिला के आरोप लगा है कि उसने टैक्स की चोरी की थी.

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Ravi Prashant
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ITR file( Photo Credit : Social Media)

दिल्ली की रहने वाली एक महिला को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल न करने पर 6 महीने की जेल हुई है. दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट ने आईटीआर नहीं भरने के कारण पर सावित्री नाम की महिला को सजा सुनाई है. आपको बता दें कि भारत के आयकर अधिनियम में ऐसे प्रावधान हैं कि अगर आप आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो आपको जेल जाना पड़ सकता है. प्रावधान में बताया गया है कि ऐसा न करने पर व्यक्ति को 7 साल तक की जेल हो सकती है. यानी यूं समझ लीजिए कि अगर आप आईटीआर नहीं भरते हैं तो आप भी जेल जा सकते हैं. 

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टैक्स चोरी के मामले में हुई जेल

आपको बता दें कि यह मामला दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट का है, जहां आयकर विभाग ने एक महिला के खिलाफ आईटीआर दाखिल न करने की शिकायत की थी. महिला ने 2 करोड़ रुपये की आय पर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया था. महिला को वित्त वर्ष 2013-14 में 2 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जिस पर उन्होंने 2 लाख रुपये का टीडीएस चुकाया था. लेकिन इस आय के लिए कोई आईटीआर दाखिल नहीं किया गया. ऐसे में महिला ने अपनी आय का केवल एक फीसदी ही टैक्स में चुकाया, जबकि उसकी आय पर टैक्स की मांग अधिक है.

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जिम्मेदारी के लिए लिया गया एक्शन
तीस हजारी कोर्ट में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मयंक मित्तल ने पूरे मामले की दलीलें सुनने के बाद महिला पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और छह महीने की सजा भी सुनाई. अगर महिला जुर्माना नहीं भरती है तो उसे एक महीने और जेल में रहना होगा.महिला की याचिका पर कोर्ट ने उसे सजा से 30 दिन की राहत दी और जमानत भी दे दी. कोर्ट ने कहा कि महिला चाहे तो इस फैसले को आगे भी चुनौती दे सकती है.

इस संबंध में विशेष लोक अभियोजक अर्पित बन्ना ने कहा कि यहां महत्व कर चोरी के मामले में दोषी को दंडित करने का नहीं बल्कि आयकर अधिनियम के इस प्रावधान की उपयोगिता साबित करने का है. इतना ही नहीं, आयकर रिटर्न दाखिल करना एक नागरिक की जिम्मेदारी है. ये जानना उनके लिए ज़रूरी था.

Source : News Nation Bureau

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