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'ये दूसरी लहर नहीं, सुनामी है'...हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा- क्या है आपकी तैयारी

देश की राजधानी के अस्पतालों में हो रही ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. ऑक्सीजन की कमी पर हाईकोर्ट ने शनिवार को केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की खिंचाई की.

Updated on: 24 Apr 2021, 02:52 PM

highlights

  • ऑक्सीजन की कमी पर हाईकोर्ट सख्त
  • दिल्ली और केंद्र सरकार की खिंचाई की
  • दोनों सरकारों को दिया सख्त आदेश

नई दिल्ली:

देश की राजधानी के अस्पतालों में हो रही ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. ऑक्सीजन की कमी पर हाईकोर्ट ने शनिवार को केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की खिंचाई की. ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र, राज्य, स्थानीय प्रशासन से जुड़ा कोई भी अधिकारी जो ऑक्सीजन की सप्लाई में दिक्कत पैदा करेगा, हम उसे लटका देंगे. कोर्ट ने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि ऐसे लोग लोगों की ज़िंदगी खतरे में डाल रहे हैं. हम किसी को छोड़ेंगे नहीं. अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार बताए कि कौन ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित कर रहा है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अस्पतालों में पेश आ रही ऑक्सीजन की किल्लत पर यह टिप्पणी की.

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हाईकोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों को ऑक्सीजन की कमी को लेकर आदेश दिया. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि ऐसे अधिकारी की जानकारी हमें दे, हम उस पर एक्शन लेंगे. साथ ही दिल्ली सरकार, स्थानीय प्रशासन के ऐसे अधिकारियों की जानकारी केंद्र को भी दे, ताकि केंद्र उन पर उचित एक्शन ले सके. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने स्तर पर टैंकर की व्यवस्था करने की कोशिश करें.दिल्ली सरकार को भी प्रयास करना होगा. सब कुछ केंद्र पर नहीं छोड़ा जा सकता. इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि केंद्र दिल्ली सरकार से समन्वय कर लिक्विड ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करें.

कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि हम इसे दूसरी लहर कह रहे हैं, लेकिन यह वास्तव में सुनामी है. कोर्ट ने कहा कि आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट के मुताबिक, बीमारी का पीक मई के मध्य में आना है. सवाल ये है कि उसको लेकर हमारी क्या तैयारी हैं. सबसे दुखद है कि अगर हम उन लोगों को न बचा सके, जिन्हें बचाया जा सकता था. ऐसे लोगों की ज़िंदगी बचाना हमारा फर्ज है. इस दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से पूछा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के मई में चरम पर पहुंचने की आशंका के मद्देनजर उसकी क्या तैयारियां हैं. उच्च न्यायालय ने केंद्र व दिल्ली सरकार से कहा कि कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर घटाने की आवश्यकता है. 

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दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में महाराजा अग्रसेन अस्पताल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ की ओर से यह टिप्पणी की गई. दिल्ली के कई प्राईवेट अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. दिल्ली के कई अन्य बड़े अस्पतालों में अभी भी ऑक्सीजन का संकट बना हुआ है. इन सभी अस्पतालों में सैकड़ों कोरोना रोगी भर्ती हैं, जिन्हें लगातार ऑक्सीजन की आवश्यकता है. जयपुर गोल्डन, अस्पताल सर गंगा राम अस्पताल, बत्रा हॉस्पिटल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी लगातार बनी हुई है.