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सुप्रीम कोर्ट Photograph: (ANI)
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल को लेकर अहम सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. हालांकि, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संकेत दिए कि दिवाली के मौके पर कुछ शर्तों के साथ ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी जा सकती है.
एनसीआर राज्यों ने मांगी राहत
पटाखों पर बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान एनसीआर से जुड़े राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि दिल्ली के साथ लगते इलाकों में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी जाए. एनसीआर क्षेत्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ को बताया कि दिवाली के दिन रात 8 बजे से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी जानी चाहिए.
कंट्रोल्ड सिस्टम का सुझाव
तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने कोर्ट को एक कंट्रोलिंग दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया है, जिससे पर्यावरण संतुलन और सांस्कृतिक परंपरा दोनों को बनाए रखा जा सके. उन्होंने यह भी बताया कि एनसीआर में पटाखों की अनुमति केवल उन्हीं निर्माताओं और विक्रेताओं को दी जानी चाहिए, जिन्हें राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) से प्रमाणन प्राप्त हो.
क्रिसमस और न्यू ईयर पर भी राहत की मांग
सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने यह भी अनुरोध किया कि क्रिसमस और नए साल के मौके पर भी ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी जाए. उन्होंने प्रस्ताव रखा कि इन अवसरों पर रात 11:55 से 12:30 बजे तक पटाखे जलाने की छूट दी जा सकती है.
पहले मिला था निर्माण का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही 26 सितंबर को एनईईरी और पीईएसओ से प्रमाणित ग्रीन पटाखों के निर्माण की अनुमति दी थी, लेकिन बिक्री और उपयोग पर रोक जारी रखी थी. अब अदालत इस पर विचार कर रही है कि क्या सीमित समय और शर्तों के साथ इन पटाखों के इस्तेमाल को मंजूरी दी जा सकती है. अब सभी की नजर सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी है, जो यह तय करेगा कि इस बार दिल्ली-एनसीआर में दिवाली की रात आसमान रोशनी से जगमगाएगा या फिर सन्नाटा रहेगा.
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