Farmer Protest: किसान आंदोलन के बीच मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ का बड़ा कदम, जानें सुप्रीम कोर्ट का रुख
Farmer Protest: किसान आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने लिया स्वतः संज्ञान लेते हुए उठाया बड़ा कदम
New Delhi:
Farmer Protest: एक बार फिर अन्नदाता सड़कों पर है. किसानों के धरना (Kisan Andolan) और प्रदर्शन के चलते दिल्ली और इससे जुड़े इलाकों में 13 फरवरी 2024 को तगड़ा जाम लगा है. दुकान-दफ्तर जाने वाले लोगों को बड़ी समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है. खास बात यह है कि इस जाम के चलते कई वकील भी रास्तों में फंसे हुए हैं. इन वकीलों में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के भी वकील शामिल है. यही वजह है कि इस बीच देश के शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बड़ा कदम उठाया है. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए उन्होंने कहा है कि अगर किसी भी वकील की आवाजाही में किसी कारण से दिक्कत हो रही है तो हम उसके मुताबिक अपने वक्त में बदलाव करेंगे.
किसान आंदोलन का असर दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिल रहा है. इसकी वजह से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद,फरीदाबाद, गुरुग्राम जैसे रास्तों पर भी बड़ी संख्या में जाम की स्थिति बनी हुई है. हालांकि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से एडवाजरी जारी की गई थी, बावजूद इसके रोजाना आने-जाने वालों को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील भी शामिल हैं.
यह भी पढ़ें - Farmer Protest: किसान आंदोलन को लेकर आज बाधित रहेंगे ये मार्ग, पढ़ें ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी
#WATCH | Protesting farmers in large numbers at Punjab-Haryana Shambu border to move towards Delhi to press for their various demands pic.twitter.com/V0DKAfaUgV
— ANI (@ANI) February 13, 2024
सीजेआई ने क्या उठाया कदम
सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को एक लेटर लिखकर किसानों के दिल्ली चलो मार्च पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कोई कदम उठाने का आग्रह किया. यही नहीं बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ से ये भी आग्रह किया कि किसानों को विरोध प्रदर्शन के वजह से जिन वकीलों को अदालत पहुंचने में दिक्कत हो रही है उनके खिलाफ को आदेश पारित नहीं किया जाए.
इस एक्शन की भी बार एसोसिएशन ने की मांग
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से बार एसोसिएशन ने अपने लेटर में एक और अपील की है. एसोसिएशन का कहना है कि किसान आंदोलन की आड़ में अराजकता फैलाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाए, क्योंकि दो वर्ष पहले यानी 2020-21 में जब किसान आंदोलन हुआ था उस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था.
सीजेआई को लिखे पत्र में ये भी जानकारी दी गई है कि बीते किसान आंदोलन के दौरान लोगों को ना सिर्फ समस्या हुई थी बल्कि इस दौरान कई लोगों को अपनी जान भी गंवाना पड़ी थी.
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