Delhi: सावन माह के प्रारंभ होते ही कांवड़ यात्रा का माहौल भक्तिमय हो गया है. हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक शिवभक्तों की आस्था की अद्भुत तस्वीरें सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी दिल्ली के नजफगढ़ से सामने आई है, जहां दो बेटे अपनी मां को कांवड़ में बैठाकर पैदल यात्रा कर रहे हैं.
पिता से मिली प्रेरणा
नजफगढ़ निवासी आकाश ठाकुर और सुमित ठाकुर हरिद्वार की हर की पौड़ी से गंगाजल उठाकर मां किरण देवी को कांवड़ में बैठाकर यात्रा कर रहे हैं. दोनों बेटे प्रतिदिन लगभग 15 किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे अपने पिता से प्रेरणा लेकर यह अनूठी यात्रा कर रहे हैं.
दरअसल, उनके पिता भी वर्षों तक अपनी मां को कांवड़ में बैठाकर यात्रा करते थे. आकाश ठाकुर ने बताया कि वह 2012 से कांवड़ ला रहे हैं और यह मां को लेकर उनकी दूसरी कांवड़ यात्रा है. उन्होंने कहा, 'हमने अपने पिता को कांवड़ यात्रा करते देखा है. उसी परंपरा को अब हम निभा रहे हैं. हमारे लिए ये सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि मां के प्रति श्रद्धा और सेवा का भाव है.'
भगवान सबको ऐसे बेटे दे- मां
मां किरण देवी भी अपने बेटों की इस भक्ति और सेवा से भावुक हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे बेटे मुझे कांवड़ में बैठाकर ला रहे हैं, इससे बड़ा सौभाग्य मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता. मैंने मन्नत मांगी है कि जब किसी एक बेटे की शादी हो जाएगी, तो बहू और पोते-पोतियों के साथ भी कांवड़ यात्रा करूंगी. भगवान सबको ऐसे बेटे दे.'
हरिद्वार से शुरू होकर मुजफ्फरनगर, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से होकर गुजरने वाली इस यात्रा में इस वर्ष भी करोड़ों शिवभक्त शामिल हो रहे हैं.
युवाओं को आकाश ठाकुर का ये संदेश
युवाओं को संदेश देते हुए आकाश ठाकुर ने कहा, 'अपने माता-पिता की सेवा करें और नशे से दूर रहें. यही हमारी असली संस्कृति है.' आकाश और सुमित दोनों दिल्ली जल बोर्ड में टैंकर चलाते हैं और हर साल अपने परिवार व आस्था के लिए समय निकालकर कांवड़ यात्रा करते हैं.
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