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Delhi School Bomb Threat: दिल्ली में एक बार फिर से सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर देने वाली घटना सामने आई है. राजधानी के कुछ प्रमुख स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. इनमें डीपीएस द्वारका, कृष्णा मॉडल पब्लिक स्कूल, और सर्वोदय विद्यालय जैसे नाम शामिल हैं. जैसे ही पुलिस को इन धमकियों की जानकारी मिली, तुरंत डॉग स्क्वाड और बम डिस्पोजल टीम को मौके पर रवाना कर दिया गया.
पुलिस ने एहतियातन सभी स्कूलों को खाली करा लिया और स्कूल परिसर की गहन तलाशी शुरू कर दी. फिलहाल किसी भी प्रकार का विस्फोटक बरामद नहीं हुआ है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से किसी भी संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा.
पहले भी मिल चुकी हैं ऐसी धमकियां
यह कोई पहली बार नहीं है जब दिल्ली के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई हो. पिछले ही महीने सर्वोदय विद्यालय, मालवीय नगर और आंध्रा स्कूल, प्रसाद नगर को भी इसी प्रकार की धमकी मिली थी. उस मामले में आरोपी ने स्कूलों को सीधे फोन कर धमकाया था. जांच के बाद वह धमकी झूठी निकली थी, लेकिन इससे बच्चों और अभिभावकों में भारी डर का माहौल बना रहा.
दिल्ली हाईकोर्ट को भी मिली धमकी
इन धमकियों का सिलसिला केवल स्कूलों तक ही सीमित नहीं रहा. 12 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट को भी एक धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें दोपहर के समय जज चैंबर में विस्फोट की बात कही गई थी. ईमेल में यह भी दावा किया गया कि कोर्ट परिसर में तीन बम प्लांट किए गए हैं. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कोर्ट को खाली कराया और तलाशी अभियान शुरू किया, लेकिन कोई विस्फोटक बरामद नहीं हुआ.
ईमेल में विदेशी साजिश का जिक्र
धमकी वाले ईमेल में एक बड़ी राजनीतिक साजिश का संकेत भी दिया गया. इसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI, कुछ भारतीय राजनीतिक परिवारों और अन्य तत्वों का नाम लेकर उन्हें निशाना बनाने की योजना का दावा किया गया. हालांकि ईमेल की सत्यता की जांच अभी जारी है, लेकिन इसके पीछे किसी संगठित साइबर गिरोह या आतंकी संगठन की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता.
लगातार मिल रही धमकियों से दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. भले ही अभी तक ये धमकियां झूठी साबित हुई हैं, लेकिन इन्हें हल्के में लेना भारी पड़ सकता है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को अब पहले से ज्यादा सतर्क और तकनीकी रूप से सशक्त होने की आवश्यकता है, ताकि असली खतरे को समय रहते रोका जा सके और अफवाह फैलाने वालों को कठोर सजा दी जा सके.
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