दिल्ली-NCR में तेज हवाओं के साथ बारिश, लोगों को गर्मी से मिली राहत; मौसम हुआ सुहाना
दिल्ली-NCR में बिजली की तेज गरज और चमक के साथ बारिश हुई. इस बारिश के बाद लोगों को पड़ रही भीषण गर्मी से राहत मिली है. बारिश के बाद दिल्ली- NCR का मौसम सुहावना हो गया है.
नई दिल्ली:
गुरुवार की रात को लगभग 9:30 बजे अचानक तेज हवाओं के साथ दिल्ली-NCR में बिजली की तेज गरज और चमक के साथ बारिश हुई. इस बारिश के बाद लोगों को पड़ रही भीषण गर्मी से राहत मिली है. बारिश के बाद दिल्ली- NCR का मौसम सुहावना हो गया है. राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का कहर जारी है. दिल्ली में बुधवार को दिन में भी पारा काफी ऊंचा रहा था. हालांकि शाम से चली ठंड हवाओं से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली है.
आपको बता दें कि इसके पहले मौसम विभाग ने एक जून को मॉनसून आने की बात कही थी. मौसम विभाग ने बताया था कि, देश में मॉनसून की पहली बारिश आगामी एक जून के आसपास समुद्र के दक्षिणी तट के माध्यम से प्रवेश करने की संभावना है. गुरुवार को मौसम विभाग (IMD) ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि चार महीने पड़ने वाली बारिश भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस साल कोरोनावायरस (Corona Virus) के संक्रमण की वजह से पहले ही देश की अर्थव्यवस्था रसातल में चली गई है. चूंकि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है अतः इसकी अर्थव्यवस्था भी कृषि पर निर्भर है.
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एक जून से मौसम की स्थिति अनुकूल होने की संभावना- मौसम विभाग
भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने एक बयान में कहा, 'मानसून की शुरुआत के लिए मौसम की स्थिति एक जून, 2020 से अनुकूल होने की संभावना है. केरल में पहली बारिश केरल में अगले महीने की पहली तारीख यानि कि एक जून को हो सकती है.' हालांकि मौसम विभाग (IMD) ने पहले इस बात की उम्मीद जताई थी कि मानसून अगले महीने की 6 तारीख यानि कि 6 जून को पहुंचेगा, लेकिन अम्फान साइक्लोन के बाद से कुछ जगहों पर दबाव कम होने की वजह से यह जल्दी ही देश के दक्षिणी भाग से टकराएगा.
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हमारे देश की बहुत सी फसलें मॉनसूनी बारिश पर निर्भर
हमारे देश की जलवायु के मुताबिक बहुत सी फसलें मॉनसून की बारिश पर निर्भर रहती हैं इनमें से धान, कपास, मक्का, गन्ना और सोयाबीन जैसी फसलों को उगाने के लिए वार्षिक जून-सितंबर की बारिश पर निर्भर करते हैं. आपको बता दें कि पिछले महीने मौसम विभाग ने कहा था कि भारत में इस साल औसत मानसून बारिश होने की संभावना है, जिससे उच्च कृषि उत्पादन की उम्मीदें बढ़ जाती हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जो कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से बुरी स्थिति से गुजर रही है.
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