New Parliament House : नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी घमासान जारी है. 28 मई को होने वाले उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाने पर सवाल उठा रहे हैं. कई दलों के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराना चाहिए, जिसे लेकर कई दलों ने इस समारोह का बहिष्कार कर दिया है. इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा कि भारत के संसदीय लोकतंत्र में राष्ट्रपति की पोजिशन ऐसी है कि उन्हें ही नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए...
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जानें भारतीय लोकतंत्र में राष्ट्रपति की क्या है पॉजिशन?
- भारत का राष्ट्रपति सर्वोच्च पद पर आसीन होता है.
- संविधान के अनुसार राष्ट्रपति राष्ट्र के प्रमुख हैं.
- हर एक्जीक्यूटिव कार्यवाही राष्ट्रपति के नाम पर ही की जाती है.
- भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति होते हैं. वो भारत की शक्ति, एकता और अखंडता के प्रतीक हैं.
- राष्ट्रपति और दो सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से संसद बना हुआ है.
- सारी एक्सिक्यूटिव पावर राष्ट्रपति में निहित होती है. हर वर्ष सत्र के आरम्भ में राष्ट्रपति सदन को संबोधित करते हैं.
- दोनों सदनों में पास किया हुआ बिल बिना राष्ट्रपति की अनुमति के बिना अधिनियम नहीं बन सकता है.
- प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं.
- राष्ट्र का प्रमुख होने की वजह से राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के मुकाबले एक ऊंचे पद पर होते हैं, जबकि प्रधानमंत्री केवल कार्यकारी प्रमुख होते हैं.
- सभी पार्टियां संविधान की रक्षा के लिए राष्ट्रपति की तरफ ही देखती हैं, क्योंकि उन्होंने संविधान के रक्षा की शपथ ली हुई है.
Source : News Nation Bureau