Delhi Pollution ( Photo Credit : File Photo)
Air Pollution in Delhi : दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार सातवें दिन भी 'बेहद खराब' श्रेणी में बना हुआ है. तमाम दावों के बावजूद प्रदूषण के स्तर में कुछ भी सुधार देखने को मिल रहा है. रविवार को भी दिल्ली में AQI लेवल 364 बना हुआ है जबकि नोएडा में ये अभी भी 400 से ज्यादा है. हालांकि अधिकारियों ने रविवार को हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार होने की संभावना जताई थी, लेकिन यह दावे फिलहाल सही साबित नहीं हो रहे हैं. इससे पहले एयर क्वालिटी कमीशन ने राज्यों के साथ हुई बैठक में कई निर्देश भी जारी किए थे, लेकिन दिल्ली एनसीआर के हालात प्रदूषण की दृष्टि से अभी भी बेहद खराब बने हुए हैं.
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वहीं दिल्ली में 21 नवंबर तक ही शहर में निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक और अपने कर्मचारियों को रविवार तक घर से काम करने का भी आदेश दिया है. फिलहाल 21 नवंबर तक प्रदूषण में सुधार नहीं होने से फिर से कई सवाल उठने शुरू हो गए हैं. प्रदूषण की आपात स्थितियों के चलते 16 नवंबर की देर राज जिन पाबंदियों को CAQM (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी) ने लागू किया था उनमें कई की समय सीमा आज खत्म हो रही है. हालांकि आज दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को लेकर एक बार से कोई फैसला ले सकती है.
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में
सफर-इंडिया के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक वर्तमान में 'बहुत खराब' श्रेणी में है. हालांकि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शनिवार को दिल्ली मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन बसों में यात्रियों को खड़े होकर जाने की अनुमति दे दी है ताकि अधिक से अधिक लोग निजी वाहनों के स्थान पर सार्वजनिक परिवहन के साधनों का इस्तेमाल कर सकें. इस कदम का उद्देश्य सड़कों पर वाहनों की संख्या की जांच करके वायु प्रदूषण को कम करना है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली के लोगों से सार्वजनिक परिवहन पर जाने और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करने का अनुरोध किया था.
प्रदूषण कम करने के लिए 21 नवंबर तक ही निर्देश
प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने 10 दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें शहर में गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर रोक और अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज बंद करना शामिल है. दिल्ली सरकार ने 21 नवंबर तक शहर में निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक लगा चुकी है. उसने अपने कर्मचारियों को रविवार तक घर से काम करने का भी आदेश दिया है. हालांकि 21 नवंबर तक दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है.
दिल्ली सरकार आज फिर ले सकती है फैसला
दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कुछ भी सुधार नहीं देखते हुए सरकार वर्क फ्रॉर्म होम और निर्माण कार्य पर रोक के आदेश की तिथियों को आगे बढ़ाने का फैसला कर सकती है. हालांकि ट्रकों की एंट्री की रोक को आगे बढ़ाने पर फिलहाल संदेह अभी भी बनी हुई है. बॉर्डर पर अभी भी बड़ी संख्या में ट्रकों की लंबी लाइन लगी हुई है. दिल्ली की सप्लाई चेन प्रभावित होने से व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में वायु गुणवत्ता
पीएम2.5 कण जिन्हें फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने के लिए जाना जाता है, राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों में प्रमुख प्रदूषक बने रहे. हालांकि, केंद्र द्वारा संचालित प्रदूषण निगरानी प्रणाली के अनुसार, शहर के PM2.5 स्तर पर पराली का योगदान नगण्य है. PM2.5 कणों की सांद्रता दिल्ली विश्वविद्यालय (उत्तर परिसर) क्षेत्र में 357, पूसा में 347, मथुरा रोड में 346, लोधी रोड में 342, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (टर्मिनल 3) में 346, IIT दिल्ली में 346, और आयानगर में 337 दर्ज किया गया.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली में AQI लेवल अभी भी 364 बना हुआ है
- नोएडा में AQI अभी भी 400 से ज्यादा है
- 21 नवंबर तक प्रदूषण में सुधार नहीं होने से उठे सवाल
Source : News Nation Bureau