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दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ प्रदेशवासियों का इलाज, बीजेपी सड़क पर उतरी

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली (Delhi) में दिल्ली सरकार और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली के निवासियों का ही इलाज करने का फैसला लिया है. इसे लेकर बीजेपी सड़क पर उतर आई है.

Updated on: 07 Jun 2020, 02:21 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली के निवासियों का ही इलाज करने का फैसला लिया है. इसे लेकर बीजेपी सड़क पर उतर आई है. इस मामले को लेकर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आदेश गुप्ता सहित बीजेपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है.

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अरविंद केजरीवाल ने सोमवार से दिल्ली की सीमाएं खोलने का फैसला लिया है. इसके साथ ही फैसला लिया गया कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के निवासियों का ही इलाज किया जाएगा. यानी सिर्फ केंद्र सरकार के अस्पताल जैसे एम्स, सफरदरजंग और राम मनोहर लोहिया (RML) में सभी लोगों का इलाज हो सकेगा. इसके साथ ही सोमवार से दिल्ली की सीमाएं खोल दी जाएंगी. इसके साथ ही केंद्र की कोरोना लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों के तहत जिले के मॉल्स और रेस्त्रां खुलेंगे, लेकिन होटल और बैंक्वेंट हॉल अभी नहीं खोले जाएंगे.

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केंद्र के अस्पतालों में होगा सभी का इलाज
दिल्ली सरकार ने कैबिनेट बैठक में कोरोना लॉकडाउन से लेकर कुछ बड़े फैसले किए हैं. इसके तहत अब दिल्ली में दिल्ली सरकार और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली के निवासियों का ही इलाज होगा, जबकि दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के अस्पतालों में सभी का इलाज होगा. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट मीटिंग में 5 डॉक्टर्स की कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा हुई. इसमें कहा गया कि दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे है. ऐसे में दिल्ली के अस्पताल अगर पूरे देश के लिए खोल दिए गए, तो दिल्ली वाले कहा जाएंगे. रिपोर्ट में कहा गया कि जून के अंत तक 15 हजार बेड दिल्ली में होने चाहिए होंगे. ऐसे में अगर देश भर के लोगों के लिए दिल्ली के अस्पताल खोल दिए गए तो महज तीन दिन में ही सभी सब बेड भर जाएंगे. इसके बाद कैबिनेट ने इलाज के बाबत उक्त निर्णय लिया.