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दिल्ली में आज से खुलेंगे नए ठेके, शराब के ब्रांड को लेकर बना रहेगा अभाव

शराब के शौकीनों को बुधवार से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, आबकारी विभाग की नई नीति लागू होने के बाद सभी सरकारी खुदरा दुकानें बंद रहेंगी.

Updated on: 17 Nov 2021, 09:48 AM

highlights

  • आबकारी विभाग की नई नीति लागू होने के बाद सभी सरकारी खुदरा दुकानें बंद रहेंगी
  • अभी तक सरकार की तरफ से ब्रांड भी रजिस्टर नहीं करा गया है
  • दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया है, हर जोन में शराब की 27 दुकानें खोली जानी हैं 

नई दिल्ली:

राजधानी में आज शराब के नए ठेके खुलेंगे. शराब की सभी खुदरा दुकानों का संचालन नि​जी हाथों में चला जाएगा. मगर दिल्ली में शराब की आपूर्ति पर असर बना रह सकता है. मंगलवार को लोग शराब की दुकानों के लिए भटकते दिखे. इस दौरान जो दुकानें खुली थीं, वहां भी शराब का स्टॉक खत्म हो गया था. शराब के शौकीन लोगों को बुधवार से और परेशानी उठानी पड़ सकती है. आबकारी विभाग की नई नीति लागू होने के बाद सभी सरकारी खुदरा दुकानें बंद रहेंगी. इनकी जगह निजी दुकानें  नहीं खुलने की वजह से शराब केंद्रों पर भारी भीड़ देखने को मिलेगी. मनपसंद ब्रांड को लेकर  लोगों को दिक्कत हो सकती है.  

पूरी दिल्ली में दिखेगा असर

आबकारी विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि शराब की सरकारी दुकाने बंद होने से पूरे शहर पर असर देखने को मिलेगा. सभी 850 निजी दुकानें बुधवार से काम करना शुरू कर देंगी, इसकी अभी संभावना काफी कम है. क्योंकि कई लोगों को अभी तक लाइसेंस जारी नहीं करे गए हैं. यहां तक कि एनओसी तक जारी नहीं हुई है. नई दुकान खोलने की इजाजत अभी तक जिन लोगों को दी गई है, उनका कहना है कि सरकार की तरफ से ब्रांड भी रजिस्टर नहीं करा गया है. ऐसे में कौन सा ब्रांड बिकेगा, यह भी तय नहीं हो सका है. 

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32 जोन में दुकानें खोलने का है प्रावधान

नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया है. हर जोन में शराब की 27 दुकानें खोली जानी हैं. इसके बावजूद नई आबकारी नीति के तहत पहले दिन से करीब 300 से 350 दुकानों पर ही शराब की बिक्री होने की उम्मीद है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि करीब 350 दुकानों को प्रोविजनल लाइसेंस ही दिए गए हैं. हालांकि होलसेल लाइसेंस 10 लोगों को जारी करा गया है और इनके पास 200 से अधिक ब्रांड की शराब है. 

सरकारी दुकानें जैसे-तैसे चल रही थीं

निजी शराब की दुकानों को 30 सितंबर को बंद कर दिया गया था. इसके बाद डेढ़ माह के ट्रांजिशन अवधि में सरकारी दुकानें जैसे-तैसे चल रही थीं. ये दुकानें मंगलवार रात को बंद हो गईं, इस कारण बीते कई दिनों से स्टॉक की कमी देखने को मिल रही है. 

उपभोक्ताओं को नई सुविधा देना है

सरकार की आबकारी नीति का मकसद हर जगह शराब की दुकानों को खोलना है. इतना ही नहीं, वॉक-इन सुविधा के साथ उपभोक्ताओं को नई सुविधा देना है। नई शराब की दुकानें वातानुकूलित और सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगी. इस तरह से सड़कों और फुटपाथों पर लगने वाली भीड़ को खत्म करना है. हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि सुविधा की वजह से शराब की कीमत में भी बढ़ोतरी हो सकती है.