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केंद्र सरकार पर बरसे मनीष सिसोदिया, बोले- वैक्सीनेशन प्रोग्राम को मजाक न बनाएं, ऐसा न हो लेट हो जाएं

वैक्सीन न मिलने पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. राजधानी में वैक्सीन की कमी के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

Updated on: 24 May 2021, 01:47 PM

highlights

  • मोदी सरकार पर बरसे मनीष सिसोदिया
  • वैक्सीन की कमी को लेकर बोला हमला
  • कहा- वैक्सीनेशन को न बनाएं मजाक

नई दिल्ली:

कोरोना महामारी के बीच वैक्सीन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. दिल्ली में 18 साल के ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीनेशन सेंटर को बंद करना पड़ा है. कोरोना की रोकथाम के लिए जरूरी वैक्सीन न मिलने पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. राजधानी में वैक्सीन की कमी के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. मनीष सिसोदिया ने पूछा कि कोरोना वायरस गंभीर बीमारी है और केंद्र सरकार ने मजाक क्यों बना रखा है. उन्होंने कहा कि सवाल करने पर बीजेपी उटपटांग जवाब देने लगती है. केंद्र राज्यवार राजनीति से बाहर निकले.

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमने एक-एक नागरिक को वैक्सीन लगाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी की. युवाओं के लिए 400 सेंटर बनाए गए और 45 साल से ऊपर के लोगों के लिए 650 सेंटर बनाए. केंद्र की बदइंतजामी के कारण 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए सभी सेंटर्स बंद हो गए हैं. 45+ लोगों के लिए भी कोवैक्सीन खत्म हो गई है.  उन्होंने कहा कि कई राज्यों में यह स्थिति है, कई जिलों में युवाओं के लिए वैक्सीनेशन शुरू ही नहीं हो सका. इसके लिए पूरी तरह से केंद्र जिम्मेदार है, उनकी जिम्मेदारी थी कि सबको वैक्सीन उपलब्ध कराएं.

सिसोदिया ने आरोप लगाए कि केंद्र ने हमें कहा कि केवल 4 लाख वैक्सीन मिलेगी, बाकी आप खरीदिए. उन्होंने बताया कि वैक्सीन निर्माता विदेशी कंपनी मॉडर्ना और फाइजर सबसे दिल्ली सरकार ने बात की, लेकिन उन्होंने कहा कि वे केंद्र से बात कर रहे हैं. दुनिया के कई देश इनसे खरीद रहे हैं, लेकिन केंद्र उन्हें मंजूरी नहीं दे रही कि राज्यों से बात करें. सिसोदिया ने कहा कि अमेरिका में दिसंबर 2020 में फाइजर मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉसन्स को मंजूरी दी गई थी, लेकिन भारत ने अब तक इन्हें मंजूरी नहीं दी है.

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उन्होंने कहा कि दुनियाभर की सरकारें ये वैक्सीन खरीद भी चुकी हैं. आखिर क्यों हम देश की दो कंपनियों के भरोसे हैं और उनके वैक्सीन भी निर्यात कर रहे हैं. सिसोदिया ने कहा कि रूस ने अगस्त में स्पूतनिक को मंजूरी दी और दिसम्बर में वैक्सीनेशन शुरू कर दिया. लेकिन हमने 2020 में मना कर दिया था. अप्रैल 2021 में मंजूर दी, जबकि 68 देश यह खरीदकर लगा रहे हैं. ब्रिटेन ने दिसंबर में फाइजर को मंजूरी दी, हम तब भी सो रहे थे और अब भी सो रहे हैं, जबकि फाइजर अमेरिका में बनी है. अब तक 85 देश फाइजर को खरीद चुके हैं. मॉडर्ना को 46 देश मंजूरी दे चुके हैं और जॉनसन को 41 देश, ये क्या मजाक चल रहा है.

दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि दुनियाभर की सरकारों ने इंटरनेशनल प्रोडक्शन पर नजर रखी और वहां की सरकरो ने एडवांस में प्रोक्योरमेंट ऑर्डर किया. नवंबर 2020 तक अमेरिका ने एक एक व्यक्ति के लिए वैक्सीन खरीद ली थी. ब्रिटेन ने जनवरी में ही 65 फीसदी आबादी के लिए वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था. नवंबर में मोदीजी ने सीरम इंस्टिट्यूट का दौरा किया था, लेकिन उसमें इन्वेस्ट भी नहीं किया, अब अप्रैल में यह शुरू किया है. उन्होंने कहा कि हाथ जोड़कर केंद्र से विनती करता हूं कि वैक्सीनेशन प्रोग्राम को मजाक न बनाएं, ऐसा न हो कि लेट हो जाएं और जिन्हें पहली डोज लगी है उनकी एंटीबॉडी भी खत्म हो जाए.