Manish Sisodia (Photo Credit: News Nation)
नई दिल्ली:
कोरोना के खिलाफ दिल्ली की लड़ाई में गृह मंत्री की व्यक्तिगत सक्रियता के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा है कि मैं आपका ध्यान एक ऐसे मुद्दे की तरफ दिलाना चाहता हूं, जिसकी वजह से दिल्ली में पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों के बीच अब अफरा-तफरी बढ़ गई है.
मनीष सिसोदिया ने कहा है कि इस मुद्दे पर त्वरित समाधान की अपेक्षा के साथ मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं. होम आइसोलेशन की नई व्यवस्था का जिक्र करते हुए सिसोदिया ने कहा है कि इस व्यवस्था के अनुसार संक्रमित पाए जाने वाले मरीज को पहले क्वारन्टीन सेंटर ले जाया जाएगा. वहां उसकी बीमारी के लक्षणों की जांच होगी और फिर तय होगा कि उसे होम आइसोलेशन में भेजा जाए या नहीं. इससे मरीजों की जिंदगी बेहाल हो जाएगी. किसी को पता चलेगा कि उसे कोरोना है, तो उसके सामने संकट खड़ा होगा कि वह क्वारन्टीन सेंटर कैसे जाए और अगर होम आइसोलेशन के लिए उचित पाया जाता है, तो घर लौटकर कैसे आए.
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दिल्ली में हर दिन आ रहे करीब 3000 नए मामलों का हवाला देते हुए मनीष सिसोदिया ने गृह मंत्री के सामने यह बात भी रखी है कि इतने लोगों को क्वारन्टीन सेंटर ले जाने के लिए एंबुलेंस कहां से आएंगी. साथ ही टेस्टिंग, ट्रैकिंग और कंटेनमेंट में पहले से ही अपनी क्षमता से कहीं अधिक वर्क लोड के साथ काम कर रहे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य टीमों के लिए यह काम नामुमकिन होगा. इससे सेंटर पर जांच कराने के लिए भी लंबी लाइनें लगेंगीं.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस नई व्यवस्था से किसी का फायदा नहीं है. अभी तक मौजूदा व्यवस्था में एक कोरोना संक्रमित पाए जाने पर सरकारी डॉक्टर की टीम मरीज के घर जाकर जांच करती थी और फिर उसे फोन पर सलाह दिया जाता था. यह व्यवस्था शानदार चल रही थी और मैं फीडबैक के आधार पर कहना चाहता हूं कि नई व्यवस्था ने लोगों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है.
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मनीष सिसोदिया ने गृह मंत्री से कहा है कि मैंने उप राज्यपाल महोदय को भी इस समस्या से अवगत कराते हुए पत्र लिखा है. मेरा आपसे अनुरोध है कि जिस तरह आपने मरीजों को 5 दिन के आवश्यक क्वारन्टीन सेंटर भेजे जाने के मामले में सकारात्मक दखल देकर उसका समाधान निकाला था, उसी तरह उप राज्यपाल महोदय को निर्देश देकर इस व्यवस्था को भी खत्म कराएं, नहीं तो थोड़े दिन में ही यह व्यवस्था बड़ी अव्यवस्था का कारण बन सकती है.