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ऑक्सीजन से मौत के मामले में मनीष सिसोदिया ने मोदी सरकार पर लगाया ये बड़ा आरोप

ऑक्सीजन की कमी से मौत के मामले पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की चिट्ठी मिली है.

Updated on: 25 Aug 2021, 05:30 PM

highlights

  • दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • इतना बड़ा फ्रॉड किसी भी केंद्र सरकार ने कभी किया होगा: सिसोदिया
  • जो काम सुप्रीम कोर्ट की टास्क फोर्स को दिया ही नहीं उसे जबरदस्ती थोपा जा रहा

नई दिल्ली:

ऑक्सीजन की कमी से मौत के मामले पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की चिट्ठी मिली है, उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत की जांच के लिए कमेटी बनाने का औचित्य प्रतीत नहीं होता है. केंद्र सरकार कह रही है कि कमेटी बनाने की जरूरत इसलिए नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में टास्क फोर्स बना दी गई है. बनाई गई टास्क फोर्स के 5 बिंदू आने वाले समय के लिए सिफारिशें हैं कि ऑक्सीजन का मैनेजमेंट कैसे होगा.

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उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि आने वाले समय में ऑक्सीजन की डिमांड कैसे रहेगी, डिस्ट्रीब्यूशन कैसे होगा और समय-समय पर क्या बदलाव किए जाएंगे, यह सुझाव देने के लिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने टास्क फोर्स बना दी है, इसलिए देश में और दिल्ली में केंद्र सरकार के कुकर्मों से जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी जांच करने के लिए कमेटी बनाने की जरूरत नहीं है. मुझे नहीं लगता है कि इतना बड़ा फ्रॉड किसी भी केंद्र सरकार ने कभी किया होगा. 

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दूसरा कारण यह बताया है कि क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इसी ऑर्डर में ऑक्सीजन ऑडिट के लिए एक सब ग्रुप कमेटी दिल्ली के लिए बनाई है, जिसमें एम्स के डायरेक्टर और मैक्स अस्पताल के डॉक्टर शामिल थे. इस कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट आ गई है, इसलिए ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत की जांच करने की कोई जरूरत नहीं है.

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सिसोदिया ने आगे कहा कि 6 मई 2021 को जो टास्क फोर्स का गठन किया गया था, जिसमें उन्हें 12 बिंदुओं पर काम करना था, उसमें कोई भी बिंदू ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत से जुड़ा नहीं है. केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए दोनों तथ्य गलत है. जब केंद्र सरकार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित टास्क फोर्स के अनुरूप काम करना है तो उन्होंने राज्य सरकारों से ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के आंकड़े क्यों मांगे.

उन्होंने आगे कहा कि जो काम सुप्रीम कोर्ट की टास्क फोर्स को दिया ही नहीं उसे जबरदस्ती थोपा जा रहा है. क्या आज तक टास्क फोर्स ने किसी डॉक्टर को बुलाकर पूछा कि ऑक्सीजन की कितनी कमी थी. मैं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध करना चाहता हूं कि इस मामले की जांच होने दे, ताकि पता लग सके कि आखिर गलती किसकी थी और ऑक्सीजन की कमी से कुल कितने लोगों की मौत हुई.