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ऑक्सजीन की कमी से मौत को लेकर मनीष सिसोदिया ने कही ये बात, निशाने पर मोदी सरकार

मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र ने पहले कहा कि ऑक्सीजन से डेथ नहीं हुई. फिर कहा कि राज्यों से डेटा मंगाया है. हमने कहा कि डेटा मांगों तो सही. तो पता चला कि वो चिट्ठी लिखने वाले थे 13 अगस्त तक. लेकिन अब वो बहस छोटी हो गई है कि चिट्ठी मिली की नहीं.

Updated on: 12 Aug 2021, 02:12 PM

highlights

  • मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखी चिट्ठी
  • ऑक्सीजन की कमी से मौत मामले  में फिर बनाएंगे जांच कमिटी
  • एलजी से मंज़ूरी के लिये भेजेंगे ताकि जांच हो सके

नई दिल्ली :

कोरोना की दूसरे लहर में ऑक्सीजन की कमी से मौत मामले को लेकर दिल्ली सरकार केंद्र पर हमलावर हो गई है. वो लगातार मोदी सरकार को निशाने पर ले रही है. गुरूवार को एक बार फिर से दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (manish sisodia) ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को बहुत परेशानी हुई.  अब सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना में ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई या नहीं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गैर-जिम्मेदाराना और असंवेदनशील होकर इस मामले में काम कर रही है. 

उन्होंने बताया कि केंद्र ने पहले कहा कि ऑक्सीजन से डेथ नहीं हुई. फिर कहा कि राज्यों से डेटा मंगाया है. हमने कहा कि डेटा मांगों तो सही. तो पता चला कि वो चिट्ठी लिखने वाले थे 13 अगस्त तक. लेकिन अब वो बहस छोटी हो गई है कि चिट्ठी मिली की नहीं. उसको छोड़ देते हैं. मुद्दा यह है कि ऑक्सीजन से डेथ हुई की नहीं. 

सिसोदिया ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत नहीं हुई ये कहना गलत होगा. हमने आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी लिखी है. हमने उनको बताया कि 25 हज़ार लोगों की मौत कोरोना से हुई है. लेकिन इनमें से कितनों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई है ये कहना मुश्किल हो जाएगा. लेकिन यह भी कहना कि ऑक्सीजन से मौत नहीं हुई ये मजाकर उड़ाना हो जाएगा उन लोगों को जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है. 

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दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा कि जिन्होंने इसके लिए आवाज़ें उठायी उनका मज़ाक़ उड़ाने जैसा है ये. ऑक्सीजन की कमी थी ये स्वीकार करना होगा और इसकी जांच करनी होगी. बिना जांच के ये कहना ग़लत होगा.

उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली सरकार ने जब इसकी जांच के लिए हाई लेवल कमिटी बनायी तो उस पर एलजी ने रोक लगा दी थी. 5 लाख मुआवज़े का एलान भी किया था. केन्द्र सरकार ने एलजी से कह के कमिटी भंग करवा दी. 

डीप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि मैंने चिट्ठी में लिखा है कि बिना जांच के कहना ग़लत होगा. हम फिर कमिटी के लिये एलजी से मंज़ूरी के लिये भेजेंगे ताकि जांच हो सके. अगर सच जानना है तो जांच कमिटी बननी चाहिए तभी सच्चाई सामने आयेगी.