केंद्र के अध्यादेश को लेकर कानून के जानाकारों ने जताया विरोध, बताया असंवैधानिक

दरअसल,11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस, कानून व्यवस्था और जमीन को छोड़कर आप सरकार को दिल्ली का बॉस बनाया था, लेकिन  एक सप्ताह बाद यानी 19 मई को केंद्र ने  अध्यादेश लागू कर दिल्ली सरकार पर रोक लगा दी.

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Prashant Jha
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Arvind Kejriwal ( Photo Credit : File Photo)

देश की राजधानी दिल्ली में LG और आम आदमा पार्टी के बीच अधिकारों को लेकर जारी जंग में उप राज्यपाल वी के सक्सेना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने DERC के अध्यक्ष के शपथ पर रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत ने इस पद पर नियुक्त रिटार्यड जस्टिस उमेश कुमार को 11 जुलाई तक शपथ नहीं लेने का आदेश दिया है. साथ ही शीर्ष कोर्ट ने केंद्र और एलजी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दरअसल,11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस, कानून व्यवस्था और जमीन को छोड़कर आप सरकार को दिल्ली का बॉस बनाया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आप सरकार ने ए ग्रेड अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दे दिया था, लेकिन  एक सप्ताह बाद यानी 19 मई को केंद्र ने अध्यादेश लागू कर दिल्ली सरकार पर रोक लगा दी.

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इसके बाद दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के अध्यादेश पर तत्काल रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. केजरीवाल ने अध्यादेश को असंवैधानिक बताया. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि केंद्र ने अध्यादेश लाकर केंद्र ने संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन किया है और निर्वाचित सरकार के अधिकारों को हड़पने की कोशिश की है. अध्यादेश, संघवाद के बुनियादी सिद्धांतों को कमजोर करता है.  केंद्र के अध्यादेश पर अब कानून के जानकारों ने भी अपनी राय रखी है. कानून के जानकार के एम चंद्रशेखर ने अध्यादेश  को निर्वाचित विधायिका और सरकार को परेशान करने वाला बताया है. वहीं, अश्विनी कुमार ने भी अध्यादेश का विरोध किया है. 

केजरीवाल ने विपक्षी दलों से मांगा समर्थन 

दरअसल, उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने 21 जून को सेवानिवृत जज उमेश कुमार को डीईआरसी के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया था.  लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप ने उप राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. आप सरकार की याचिका पर 4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एलजी के फैसले पर रोक लगा दी. साथ ही केंद्र और एलजी से जवाब मांगा है. बहरहाल अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं से मिलकर समर्थन जुटा रहे हैं. ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि मानसून सत्र में बिल राज्यसभा में आएगा तो कितनी विपक्षी पार्टियां बिल का विरोध करती है या मौन धारण किए रहती है.

HIGHLIGHTS

  • केंद्र ने अध्यादेश लागू कर दिल्ली सरकार पर रोक लगा दी
  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एलजी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा 
  • सुप्रीम कोर्ट से उप राज्यपाल को लगा झटका

Source : News Nation Bureau

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