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JNU में हवन-नॉन वेज पर हिंसा की जांच शुरू, पुलिस मुख्यालय घेरेंगे छात्र

रविवार मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों और वामपंथी गठबंधन के सदस्यों के बीच झड़प में लगभग डेढ़ दर्जन छात्र मामूली रूप से घायल हो गए थे.

Updated on: 11 Apr 2022, 09:52 AM

highlights

  • रविवार दोपहर हुई झड़प ने रात को ले लिया हिंसक रूप
  • छात्रों के दो गुटों की भिड़ंत में डेढ़ दर्जन छात्र हुए घायल
  • प्रकरण की पुलिस और जेएनयू प्रशासन ने जांच की शुरू

नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन ने रामनवमी के दिन नॉन वेज खाने से रोकने के मामले की जांच शुरू कर दी है. इस कड़ी में जेएनयू प्रशासन ने वार्डन व सिक्योरिटी स्टाफ से रिपोर्ट तलब की है. इस रिपोर्ट में छात्रों के दोनों गुटों का भी पक्ष लिया जाएगा. दोषी पाए जाने वाले छात्रों पर नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस बीच डीसीपी साउथ-वेस्ट के अनुसार एसएफआई (SFI), डीएसएफ, जेएनयूएसयू और आइसा ने आज सुबह शिकायत दर्ज करा दी है. इस शिकायत में उन्होंने अज्ञात एबीवीपी छात्रों का नाम लिया है. बताते हैं कि एबीवीपी (ABVP) भी आज ही पुलिस में पूरे प्रकरण को लेकर शिकायत दर्ज कराएगा. इस बीच वापपंथी छात्र संगठनों ने दोपहर को पुलिस मुख्यालय घेरने की चेतावनी दी है. 

रविवार को भिड़ गए थे छात्रों के दोनों गुट
गौरतलब है कि रविवार मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों और वामपंथी गठबंधन के सदस्यों के बीच झड़प में लगभग डेढ़ दर्जन छात्र मामूली रूप से घायल हो गए थे. वाम गठबंधन के सदस्यों ने एबीवीपी पर परिसर में कावेरी छात्रावास में मांसाहारी भोजन पर जबरन प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया था, जबकि एबीवीपी ने आरोप लगाया कि एनएसयूआई सहित वाम गठबंधन के सदस्य उन्हें राम नवमी के अवसर पर पूजा और हवन कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. बाद में शाम को झड़पें और तेज हो गईं और घायल छात्रों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं.

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पुलिस भी करेगी पूरे मामले की जांच
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम जिला) मनोज सी. ने कहा कि स्थिति अब शांतिपूर्ण है और दोनों छात्र दल शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मारपीट के दौरान छह छात्र घायल हो गए. स्थिति को शांत करने के लिए मौके पर मौजूद डीसीपी ने कहा, 'सभी को मामूली चोटें आई हैं.' एबीवीपी ने एक बयान में कहा कि कावेरी छात्रावास के निवासियों ने रामनवमी मनाने के लिए एक 'पूजा' का आयोजन किया था, जो दोपहर 3.30 बजे शुरू होनी थी. हालांकि वामपंथियों द्वारा किए गए हंगामे के कारण यह शाम 5.00 बजे ही शुरू हो सका.

एबीवीपी ने लगाया वाम छात्र संगठनों पर आरोप
एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सिद्धार्थ यादव ने बताया, 'हम कोई पूजा नहीं कर रहे थे, बल्कि यह कावेरी छात्रावास के आम छात्रों द्वारा आयोजित किया गया था. पिछले 9 दिनों से सब कुछ शांति से चल रहा था, लेकिन आज वामपंथी संगठन के सदस्यों ने हंगामा किया और हमें पूजा करने नहीं दे रहे थे.' उन्होंने कहा कि छात्रावास में मांसाहारी भोजन पर जबरन प्रतिबंध लगाने का कोई मुद्दा नहीं है, बल्कि वामपंथी गठबंधन के सदस्यों को रामनवमी के अवसर पर धार्मिक समारोह आयोजित करने वाले छात्रों से समस्या थी.

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जेएनयूएसयू दोष दे रहा एबीवीपी को 
इस पूरे प्रकरण पर जेएनयूएसयू का कहना है कि मेन्यू में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के छात्रों के लिए खाद्य पदार्थ हैं, जो अपनी व्यक्तिगत पसंद के आधार पर इसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन एबीवीपी पूरी तरह से हंगामा करने और कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ करके अपने ब्राह्मणवादी आधिपत्य के आदर्शों को मजबूत करने के लिए बाहुबल और गुंडागर्दी कर रही है. बयान के अनुसार, जेएनयू और उसके छात्रावास सभी के लिए समावेशी स्थान हैं, न कि किसी एक वर्ग विशेष के लिए. विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के छात्रों की अलग-अलग खाद्य प्राथमिकताएं होती हैं जिनका सम्मान किया जाना चाहिए.