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जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय Photograph: (Social Media)
दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार विश्वविद्यालय परीक्षा में पूछे गए एक पश्न के चलते विवादों में आ गया है. जिसके चलते सोशल वर्क विभाग के एक प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया गया है. दरअसल, प्रोफेसर पर परीक्षा में कथित तौर पर विवादित सवाल पूछने का आरोप लगा है. प्रोफेसर के खिलाफ ये कार्रवाई सेमेस्टर परीक्षा के एक प्रश्न पत्र में 'मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार' से जुड़ा एक विवादास्पद सवाल पूछने की वजह से हुई है.
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गठित की जांच समिति
पूरा मामला सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन जांच के लिए समिति का गठन किया है. जिस प्रोफेसर को सस्पेंड किया गया है उसका नाम वीरेंद्र बालाजी शहारे बताया गया है. जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई बीए (ऑनर्स) सोशल वर्क के पहले सेमेस्टर की एंड-सेमेस्टर परीक्षा में पूछे गए एक सवाल को लेकर हुई है. इस परीक्षा का आयोजन शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए किया गया था.
जिसमें पेपर का विषय था भारत में सामाजिक समस्याएं. विवादित प्रश्न पूछे जाने के बाद विश्वविद्यालय को कई शिकायतें मिली. उसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि प्रोफेसर की ओर से लापरवाही और असावधानी बरती गई है. उसके बाद 23 दिसंबर को आदेश जारी कर प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया.
कोई आधिकारिक बयान नहीं किया गया जारी
सूत्रों के मुताबिक, जिस सवाल को लेकर विवाद हुआ है उसमें छात्रों से भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों को लेकर सवाल पूछा गया था. साथ ही जवाब में उदाहरण भी मांगा गया था. इसी प्रश्न को आपत्तिजनक और भड़काऊ माना गया. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान या सफाई नहीं दी है. साथ ही ये भी नहीं पता चला है कि प्रश्न पत्र के किस हिस्से पर आपत्ति जताई गई है.
जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पूरा मामला बी.ए. (ऑनर्स) सोशल वर्क के पहले सेमेस्टर की परीक्षा से जुड़ा है. जिसमें 'भारत में सामाजिक समस्याएं' विषय के प्रश्न पत्र में 15 अंकों का एक सवाल पूछा गया था. इस सवाल में छात्रों से भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर उदाहरण के साथ जवाद देने को कहा गया था. परीक्षा के बाद इस प्रश्नपत्र की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. उसके बाद विवाद शुरू हो गया. कई लोगों ने इस सवाल को भड़काऊ और समाज को बांटने वाला करार दिया.
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