Dengue In Delhi: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के द्वारा 26 जुलाई 2025 को जारी की गई रिपोर्ट में राजधानी में मच्छरजनित बीमारियों मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष की स्थिति, प्रभावित क्षेत्रों और निगम की ओर से की गई कार्रवाई का ब्यौरा है. दिल्ली में मलेरिया के 28, डेंगू के 45 और चिकनगुनिया के 5 मामले ऐसे हैं जो अन्य राज्यों से संक्रमण के रूप में आए हैं.
मलेरिया की स्थिति
2025 में 26 जुलाई तक दिल्ली में मलेरिया के कुल 124 मामले सामने आए हैं. यह आंकड़ा 2024 की तुलना में अधिक है, जब इसी अवधि तक 106 मामले दर्ज किए गए थे. वर्ष 2023 में यह संख्या मात्र 61 थी। राहत की बात यह है कि इस वर्ष अब तक मलेरिया से किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है. जुलाई महीने में अब तक 41 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिससे संक्रमण की गति में बढ़ोतरी का संकेत मिलता है.
पश्चिमी दिल्ली सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है, जहां 29 मामले सामने आए हैं. इसके बाद नजफगढ़ में 19 और दक्षिणी दिल्ली में 12 मामलों की पुष्टि हुई है.
डेंगू की स्थिति
डेंगू के कुल 277 मामले अब तक रिपोर्ट हुए हैं. पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 284 थी, जो लगभग समान स्तर पर है. वर्ष 2023 की तुलना में यह संख्या अधिक है, जब 187 मामले दर्ज हुए थे. इस वर्ष अभी तक डेंगू से किसी भी मृत्यु की सूचना नहीं मिली है. जुलाई माह में 61 नए केस सामने आए हैं. डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र भी पश्चिमी दिल्ली ही है, जहां 30 मामले दर्ज हुए. रोहिणी और शाहदरा (उत्तर एवं दक्षिण) में भी बड़ी संख्या में मरीज सामने आए हैं.
चिकनगुनिया की स्थिति
चिकनगुनिया के इस वर्ष अब तक 18 मामले रिपोर्ट हुए हैं, जो 2024 की तुलना में थोड़े कम हैं (22 मामले). वर्ष 2023 में 14 मामले दर्ज हुए थे. जुलाई के महीने में अब तक केवल 2 केस सामने आए हैं, जो संकेत देता है कि यह बीमारी अपेक्षाकृत नियंत्रित है. इस बीमारी से केंद्रीय दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जहां 5-5 मामलों की पुष्टि हुई है।
एमसीडी ने की ये कार्रवाई
दिल्ली नगर निगम ने मच्छरजनित बीमारियों को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए हैं. इस वर्ष जनवरी से जुलाई के अंत तक लगभग 5.85 लाख घरों में एंटी-मलेरिया छिड़काव किया गया. 2 करोड़ 35 लाख से अधिक घरों का निरीक्षण कर मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान की गई.
इन निरीक्षणों के दौरान लगभग 89 हजार घरों में मच्छरजनक परिस्थितियाँ पाई गईं. इसके चलते 70 हजार से अधिक घरों को कानूनी नोटिस भेजे गए, और करीब 13,300 मामलों में अभियोजन की प्रक्रिया शुरू की गई. निगम ने 3,309 स्थानों पर चालान (G8) जारी किए, जिनसे कुल 10.63 लाख रुपए की राशि वसूली गई. इसके अलावा, मच्छरों को प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित करने के लिए 284 स्थानों पर मच्छर खाने वाली मछलियों को छोड़ा गया है.
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