Delhi Pollution: दिल्ली में GRAP-3 के लागू होने का नहीं पड़ा असर, AQI 400 पार, जानें किन इलाकों में हालात बेहद खराब

Delhi Pollution: राजधानी में GRAP-3 के तहत लगाई गईं पाबंदियां भी  बेअसर साबित हो रही हैं. रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 370 दर्ज किया गया है

Delhi Pollution: राजधानी में GRAP-3 के तहत लगाई गईं पाबंदियां भी  बेअसर साबित हो रही हैं. रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 370 दर्ज किया गया है

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Mohit Saxena
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Delhi Pollution

Delhi Pollution: दिल्ली में दिन पर दिन प्रदूषण के कारण हालात बदतर होते जा रहे हैं. यहां पर कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच चुका है. इसे रोकने के लिए GRAP-3 के तहत लगाई गईं पाबंदियां भी  बेअसर साबित हो रही हैं. रविवार की बात करें तो दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 370 दर्ज किया गया है. यह 'बहुत खराब' में आता है. यह लगातार चौथा दिन है जब AQI बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. 30 अक्टूबर के बाद रविवार दूसरा सबसे प्रदूषित दिन बताया गया है. कोहरे की मोटी चादर और ठंड के बीच प्रदूषण सेहत के लिए बेहद हानिकारक है. रविवार को कई इलाकों में एक्यूआई बेहद खराब स्थिति में दर्ज किया है. 

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने रविवार को सुबह 10 बजे औसतन AQI 391 ('बहुत खराब') दर्ज किया. वहीं शाम 4 बजे 370 और शाम 5 बजे 365 दर्ज किया है. आइए जानते हैं अगल-अगल इलाकों में कैसा रहा एक्यूआई.

इन इलाकों की हवा सबसे खराब 

बवाना में 404, आइटीओ में 404, जहांगीरपुरी में 413, मुंडका में 410, नेहरू नगर में 408, पटपड़गंज में  401, पंजाबी बाग में    416, रोहिणी में 412, विवेक विहार में 408, वजीरपुर में 410 एक्यूआई का स्तर रहा. 

आंकड़ों की मानें तो आनंद विहार, जहांगीरपुरी, पंजाबी बाग, वजीरपुर जैसे क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. मौसम विभाग के अनुसार, कोहरा, कम हवा की गति और तापमान में गिरावट प्रदूषण को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं. हालांकि आने वाले दिनों में प्रदूषण कम होने का अनुमान है. पश्चिमी विक्षोभ का असर हवा की गति को तेज कर सकता है. इससे प्रदूषण में मामूली राहत मिल सकती है.दीवाली के बाद पराली जलाने का असर अभी भी बना हुआ है. 

सरकारी कदमों को लेकर उठे सवाल

GRAP-3 के तहत कई प्रतिबंध लगाए गए हैं. जमीनी स्तर पर इसका पालन कमजोर रहा है. अभी भी निर्माण कार्य, वाहनों का धुआं और खुले में कचरा जलाना जारी है. इससे लेकर सख्ती नहीं बरती जा रही है. दिल्ली सरकार और केंद्र की एजेंसियों के बीच समन्वय नहीं देखा जा रहा है. इसके कारण प्रदूषण नियंत्रण में बाधा उत्पन्न हो रही है. 

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