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जंतर मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी मामले में हिंदू आर्मी चीफ सुशील तिवारी गिरफ्तार

पुलिस ने हेड कॉन्स्टेबल अनिल की शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया था. इसके बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापा मारना शुरू कर दिया लेकिन अभी तक सारे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

Updated on: 21 Aug 2021, 08:27 PM

highlights

  • दिल्ली पुलिस ने हिंदू आर्मी के चीफ सुशील तिवारी को गिरफ्तार
  • सुशील पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी करने का आरोप
  • पुलिस हिंदू रक्षा दल के नेता भूपेंद्र चौधरी उर्फ पिंकी चौधरी की भी कर रही तलाश 

नई दिल्ली:

जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक और गिरफ्तारी की है. पुलिस ने हिंदू आर्मी के चीफ सुशील तिवारी को गिरफ्तार किया है. लखनऊ के रहने वाले सुशील तिवारी अश्विनी उपाध्याय का व्हाट्सएप मैसेज देख कर कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचा था. अश्विनी उपाध्याय भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट का वकील है. वह भाजपा दिल्ली प्रदेश का प्रवक्ता भी रह चुका है. सेव इंडिया फाउंडेशन के बैनर तले 8 अगस्त को जंतर-मंतर एक कार्यक्रम रखा गया था. जिसमें भड़काऊ नारे लगाये गये. उस कार्यक्रम के आयोजक अश्विनी उपाध्याय ही था. 

नारेबाजी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस दबाव में आयी और भड़काऊ नारे लगाने वालों की तलाश शुरू हो गयी. दिल्ली पुलिस के अनुसार यह कार्यक्रम बिना इजाजत के हुआ था. हेड कॉन्स्टेबल अनिल के मुताबिक, सुबह करीब नौ बजे कुछ प्रदर्शनकारी बिना किसी इजाजत के जंतर-मंतर पर पहुंचे थे. दिल्ली पुलिस ने हेड कॉन्स्टेबल अनिल की शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया था. इसके बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापा मारना शुरू कर दिया लेकिन अभी तक सारे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

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इस मामले में दिल्ली पुलिस ने वकील अश्विनी उपाध्याय को भी गिरफ्तार किया था. हालांकि, उन्हें कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. इसके अलावा विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. प्रीत सिंह सेव इंडिया फाउंडेशन का निदेशक है, जिसके बैनर तले 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर कार्यक्रम किया गया था. इस मामले में पुलिस हिंदू रक्षा दल के नेता भूपेंद्र चौधरी उर्फ पिंकी चौधरी की भी तलाश कर रही है. वह लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय है और टीवी इंटरव्यू भी दे रहा है, लेकिन वो पुलिस से अभी भी दूर है.

दिल्ली पुलिस का नाम देश के सबसे तेज पुलिस बल में शुमार है लेकिन जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी करने वालों समस्त लोगों की अभी तक गिरफ्तारी न होना कई सवाल खड़े करता है. यह तथ्य सर्वविदित है कि नारेबाजी करने वालों के तार सत्तापक्ष से जुड़ें है. वकील अश्विनी उपाध्याय तो भाजपा का पदाधिकारी भी रह चुका है. तो क्या दिल्ली पुलिस सरकार के दबाव में काम कर रही है.