GRAP-4 लागू होते ही दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, 50% कर्मचारी करेंगे वर्क फ्रॉम होम

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते GRAP स्टेज-4 लागू कर दिया गया है. इसके तहत दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों के 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का निर्देश दिया है.

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते GRAP स्टेज-4 लागू कर दिया गया है. इसके तहत दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों के 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का निर्देश दिया है.

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Ravi Prashant
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. शनिवार से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP का स्टेज-4 लागू कर दिया गया है. इसके तहत दिल्ली सरकार ने अपने 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने का निर्देश दिया है. साथ ही निजी दफ्तरों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने आधे कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दें, ताकि सड़कों पर भीड़ और प्रदूषण का दबाव कम किया जा सके.

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वर्क फ्रॉम होम का निर्देश क्यों?

सरकार का मानना है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी रोजाना निजी वाहनों और सार्वजनिक परिवहन से दफ्तर आते-जाते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण दोनों बढ़ते हैं. वर्क फ्रॉम होम लागू होने से सड़कों पर वाहनों की संख्या घटेगी और वाहनों से निकलने वाले धुएं में कमी आएगी. GRAP-4 के तहत इसे अब तक का सबसे सख्त कदम माना जा रहा है, जिसे मौजूदा प्रदूषण सीजन में पहली बार लागू किया गया है.

प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता

शनिवार को दिल्ली में जहरीली स्मॉग की मोटी परत छाई रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI 431 दर्ज किया गया. यह स्तर ‘सीवियर’ श्रेणी में आता है और स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. इससे पहले 11 नवंबर को AQI 428 दर्ज किया गया था. NCR के अन्य शहरों में भी हालात चिंताजनक रहे. नोएडा में AQI 455 और ग्रेटर नोएडा में 442 दर्ज किया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में प्रदूषण का संकट गहराता नजर आया.

GRAP-4 के तहत अन्य सख्त प्रावधान

वर्क फ्रॉम होम के अलावा GRAP-4 के तहत कई अन्य प्रतिबंध भी लागू किए गए हैं. NCR में गैर-जरूरी ट्रकों की एंट्री पर रोक लगाई जा सकती है. निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़े सभी कार्य अस्थायी रूप से बंद करने के निर्देश हैं. CNG और BS-6 मानकों वाले वाहनों को छोड़कर बाहर से आने वाली गैर-जरूरी हल्की कमर्शियल गाड़ियों पर भी प्रतिबंध संभव है. साथ ही स्कूलों को लेकर निर्देश भी जारी किए हैं. दिल्ली-एनसीआर में सभी स्कूलों को सख्त निर्देश दिए है कि हाइब्रिड मोड पर चलेंगे. 

मौसम ने बढ़ाई मुश्किल

एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के अनुसार प्रदूषकों के फैलाव के लिए मौसम की स्थिति अनुकूल नहीं रही. हवा की गति बेहद कम होने और वेंटिलेशन इंडेक्स नीचे रहने से प्रदूषक वातावरण में फंसे रहे. यही वजह है कि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता गया और हालात काबू से बाहर होते चले गए.

सरकार की अपील

दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें, सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें और जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें. सरकार का कहना है कि सामूहिक प्रयासों से ही प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा संभव है.

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