/newsnation/media/media_files/2025/12/13/grap-system-2025-12-13-19-59-58.jpg)
What is GRAP System: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है. राजधानी के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है. वजीरपुर इलाके में AQI 443 तक पहुंच गया, जिससे लोगों की सेहत पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है. हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तुरंत सख्त कदम उठाते हुए GRAP-3 लागू कर दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ग्रैप सिस्टम होता क्या है. दिल्ली में कुल कितने ग्रैप लगाए जाते हैं और ग्रैप-4 में किस तरह के प्रतिबंध होते हैं. अगर नहीं तो हम आपको इस लेख के जरिए बताते हैं.
दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही वायु प्रदूषण तेजी से खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है. ठंडी हवाओं की कमी, पराली का धुआं, वाहनों का उत्सर्जन और निर्माण गतिविधियां मिलकर हवा को जहरीला बना देती हैं. इस दौरान बुजुर्गों, बच्चों और सांस के मरीजों के लिए स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर हो जाती है. इन्हीं हालात से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में GRAP सिस्टम लागू किया जाता है.
GRAP सिस्टम क्या है?
GRAP यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान एक आपातकालीन योजना है, जिसे वायु प्रदूषण के स्तर के अनुसार चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाता है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जैसे-जैसे एयर क्वालिटी बिगड़ती जाए, वैसे-वैसे सख्त कदम उठाए जाएं और प्रदूषण को और बढ़ने से रोका जा सके.
GRAP के कुल चार चरण
GRAP को चार अलग-अलग स्तरों में बांटा गया है.
- GRAP-1 तब लागू होता है जब AQI 201 से 300 के बीच पहुंचता है. इसमें हल्के प्रतिबंध लगाए जाते हैं.
- GRAP-2 301 से 400 AQI पर लागू किया जाता है, जिसमें निर्माण कार्यों और वाहनों पर सख्ती बढ़ जाती है.
- GRAP-3 तब लागू होता है जब AQI 401 से 450 के बीच पहुंच जाता है. इस चरण में उद्योगों, डीजल जनरेटर और पुराने वाहनों पर कड़े प्रतिबंध लगते हैं.
- GRAP-4 सबसे गंभीर स्थिति में लागू होता है, जब AQI 450 के पार चला जाता है.
GRAP-4 में क्या-क्या बंद हो जाता है
GRAP-4 लागू होते ही हालात आपात स्थिति जैसे हो जाते हैं. दिल्ली में सभी डीजल ट्रकों और कमर्शियल वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी जाती है, सिवाय जरूरी सामान ढोने वाले ट्रकों के. सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य पूरी तरह बंद हो जाते हैं. स्कूल-कॉलेज बंद कर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की जाती हैं.
सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम की सिफारिश की जाती है. इसके अलावा, प्रदूषण फैलाने वाले सभी उद्योगों को अस्थायी रूप से बंद करने के आदेश दिए जाते हैं.
GRAP का उद्देश्य
GRAP सिस्टम का मुख्य मकसद लोगों की सेहत की रक्षा करना और हवा की गुणवत्ता को धीरे-धीरे सुधारना है, ताकि दिल्ली की सांसें फिर से सुरक्षित हो सकें.
यह भी पढ़ें - Delhi Air Pollution: दिल्ली-NCR में जहरीली हवा का कहर जारी, ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू, इन कामों पर लगी रोक
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us