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Good News: दिल्ली में कोरोना वायरस के अब 10 प्रतिशत से भी कम एक्टिव केस

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के 1142 नए मामले सामने आने के साथ ही दिल्ली में कुल मरीजों की संख्या 1,29,531 पहुंच गई है.

Updated on: 26 Jul 2020, 12:40 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस (Coronavirus) के 1142 नए मामले सामने आने के साथ ही दिल्ली में कुल मरीजों की संख्या 1,29,531 पहुंच गई है. हालांकि राहत की बात यह है कि पिछले 24 घंटे के दौरान रिकवरी 2137 रही, जो कि नए मामलों के मुकाबले लगभग दोगुनी है. इससे भी बड़ी बात यह है कि दिल्ली (Delhi) में कोरोना रिकवरी रेट 87 प्रतिशत से ज्यादा है. फिलहाल राजधानी में एक्टिव केस 12,657 हैं, जो करीब 10 फीसदी से भी कम हैं. अब तक करीब 3 प्रतिशत मरीजों की ही मौत हुई है. 

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एक्टिव केस कम हुए हैं

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अनुसार, दिल्ली में एक्टिव केस कम हुए हैं, जो राहत की बात है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अभी सतर्क रहने की जरूरत है. ढिलाई नहीं बरत सकते हैं. अगर केयर नहीं करेंगे तो बचाव मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने कई प्रयास किए हैं. होम आइसोलेशन को मैनेज किया. पल्स ऑक्सीमीटर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि ये बहुत बड़ी राहत की चीज थी कि अपना ऑक्सीजन लेवल खुद से चेक कर सकते हैं. अगर 90 से नीचे आए ऑक्सीजन लेवल तो आप अस्पताल चले जाइए.

क्रेडिट लेने की होड़

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बेड्स के इंतजाम किए हैं. आज अस्पतालों सिर्फ 18 फीसदी बेड भर पाए हैं. सत्येंद्र जैन ने कहा, 'अब लोगों को तसल्ली है कि घर पर हूं, अगर तबियत खराब हुई तो अस्पताल चले जाएंगे, बेड मिल जाएगा. जनता और मीडिया का फीडबैक लिया और चीजों को ठीक किया.' उन्होंने कहा कि क्रेडिट कोई भी ले ले, इससे क्या फर्क पड़ता है. मैं तो कहता हूं कि दिल्ली बिल्कुल ठीक हो जाए और 100 फीसदी क्रेडिट उनका.

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रैपिड टेस्ट ज्यादा हो रहे हैं

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि रैपिड में जो पॉजिटिव आते हैं, वो कन्फर्म पॉजिटिव हैं. उसमें कोई गलत पॉजिटिव नहीं हैं. जो निगेटिव हैं, उनमें से जिनमें लक्षण हैं, उनका RT-PCR टेस्ट फौरन किया जाता है. अब विज्ञान के हिसाब से RT-PCR में भी कुछ लोग रह जाते हैं. 100 प्रतिशत नहीं निकल पाते. गलत पॉजिटिव नहीं होते, गलत नेगेटिव उसमें भी आते हैं.

कैसे पता चलेगा दिल्ली में स्थिति बेहतर हो रही है?

सत्येंद्र जैन ने कहा कि सबसे बड़ा सूचक हॉस्पिटल हैं. जो बीमार होगा, अस्पताल पहुंचेगा. हॉस्पिटल में एक महीने पहले जो ऑक्यपन्सी थी, उससे अब आधी भी नहीं है. ये एक बड़ा इंडिकेटर है. टेस्टिंग इंडिकेटर नहीं है. अगर आपको लक्षण हैं तो हमने कहा है कि अस्पताल में जाइए आपको एडमिट कर लिया जाएगा.

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कंटेनमेंट जोन क्यों बढ़ रहे हैं? इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वो नियम के हिसाब से बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई जगह पर 2 या 3 केस भी होते हैं तो उन्हें कंटेन्मेंट जोन बना दिया जाता है. आशा वर्कर द्वारा वेतन बढ़ाने की मांग पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि उनका समझौता हो गया है. दो दिन पहले मेरे पास आए थे, बात हो गई है. वो काम पर लौट आए हैं. इंसेंटिव वगैरह ठीक कर दिया है.

रोजाना 25-30 मौत हो रही हैं, इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि पूरी कोशिश की जा रही है. रोजाना जो मौतें हो रही हैं, उनमें जो काफी समय से एडमिट मरीज हैं, उनकी भी मौत हो रही है. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि जो नए मरीज़ एडमिट हो रहे हैं, उनकी ही मौत हो रही है.