बच्चों के पेट की खातिर वापस लौट रहे प्रवासी मजदूर, घर पर काम नहीं
काम की तलाश में एक बार फिर प्रवासी मजदूर यूपी, बिहार और झारखंड से वापस लौटने लगे हैं.
नई दिल्ली:
कोरोना लॉकडाउन (Corona Lockdown) के दौरान हजारों प्रवासी मजदूर (Migrants) अपने-अपने घर लौट गए थे, लेकिन काम की तलाश में एक बार फिर प्रवासी मजदूर यूपी, बिहार और झारखंड से वापस लौटने लगे हैं. दिल्ली (Delhi) के आनंद विहार बस स्टैंड पर रक्षाबंधन के बाद से ही रोजाना हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों से वापस आ रहे हैं. किसी के मालिक, तो किसी के ठेकेदार ने बुलाया, तो कोई नौकरी की तलाश में दिल्ली वापस आ रहा है.
बच्चों के पेट ने किया मजबूर
राम चन्दर आजमगढ़ से फिर दिल्ली वापस आए हैं. 5 महीने पहले कोरोना की वजह से अपने घर चले गए थे, लेकिन गांव में काम न होने की वजह से दिल्ली वापस आना पड़ा है. उन्होंने बताया, 'जिस कंपनी में वो काम करते थे, उसके मालिक ने फोन करके वापस बुलाया है. गांव में ज्यादा काम नहीं है. कमाने के लिए तो बाहर निकलना ही पड़ेगा. मेरी दो लड़कियां और एक लड़का है. इनका पेट कौन पालेगा.' राम चन्दर दिल्ली के नांगलोई में जूते की कंपनी में काम करते थे. अब फिर से उसी कंपनी में काम करेंगे.
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नांगलोई, महरौली कापसहेड़ा जाने की होड़
आनंद विहार बस स्टैंड पर बसों के ड्राइवर और कंडक्टर 20 से ज्यादा सवारी नहीं बैठाते, लेकिन पहले जाने की होड़ में सवारियों में ही आपस में झगड़ा हो जाता है और एक साथ बसों में लोग चढ़ना शुरू कर देते हैं. इसकी वजह से नियमों का उल्लंघन होता है. फिलहाल जब से प्रवासी मजदूर वापस लौटने लगे हैं, तब से आनंद विहार बस स्टैंड पर रूट नम्बर 236, 165, 534, 469, 473, 543 से जाने वाली सवारियों की संख्या में इजाफा हुआ है. ये सभी बसें नांगलोई, महरौली और कापसहेड़ा बॉर्डर की ओर जाती हैं.
फल की ठेले से भी कमाई
हालांकि बस स्टैंड के बाहर भी सैंकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर मौजूद रहते हैं. संभल के रहने वाले दीपक दिल्ली में फल की ठेली लगाते थे. होली पर त्यौहार मनाने अपने गांव चले गए. उसके बाद लॉकडाउन लग गया, जिसकी वजह से वहीं फंसे रहे गये. उन्होंने बताया, 'होली पर घर गया था, उसके बाद वहीं रह गया. इधर मकान मालिक 5 महीने का किराया मांग रहा है. अब जाकर वापस आयें हैं फिर से फल की ठेली लगाएंगे.'
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घर पर काम न होना बड़ी वजह
यूपी के बिजनौर के रहने वाले शादाब पहले हिमाचल प्रदेश में पुताई का काम करते थे. फिर लॉकडाउन में रोजगार चले जाने की वजह से घर चले गए. अब गुड़गांव नौकरी की तलाश में आये हैं. उन्होंने बताया, 'यूपी के बीजनौर से गुड़गांव नौकरी की तलाश में आया हूं. ठेकेदार ने बुलाया है. घर पर कोई काम नहीं मिला. राज मिस्त्री का भी काम किया.'
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