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राजधानी दिल्ली में आज भी हवा का स्तर खराब, आसमान में छाई धुंध की परत

देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. आज भी राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है.

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Dalchand Kumar
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राजधानी दिल्ली में आज भी हवा का स्तर खराब, आसमान में छाई धुंध की परत( Photo Credit : फ़ाइल फोटो)

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देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. आज भी राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है. प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच रविवार की सुबह दिल्ली के आंनद विहार पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच गया. यहां आसमान में धुंध की परत भी नजर आई. हालांकि प्रदूषण के लिहाज से हॉट स्पॉट बने आनंद विहार पर टैंकर भी लगातार स्प्रिंकलिंग करते हुए नजर आए.

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शनिवार को भी आनंद विहार पर प्रदूषण का स्तर 300 के करीब बना हुआ था. राजधानी में शनिवार का ओवरआल स्तर 290 बना हुआ था, जो आज बढ़कर 293 बना हुआ है. इसके अलावा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, आईटीओ क्षेत्र में रविवार को प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 और पीएम 10 क्रमशः 159 और 199 दर्ज किया गया है. राजधानी में शनिवार का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 286 दर्ज किया गया. शुक्रवार को यह 239, बृहस्पतिवार को 315 दर्ज किया गया जो इस वर्ष 12 फरवरी के बाद से सबसे ज्यादा खराब है, तब एक्यूआई 320 था.

दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा की असल वजह पराली को माना जा रहा है. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरपश्चिमी हवाएं चल रही हैं और पराली जलाने से पैदा होने वाले प्रदूषक तत्वों को अपने साथ ला रही है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ‘वायु गुणवत्ता निगरानी एवं मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली’ (सफर) के मुताबिक, हरियाणा, पंजाब और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित क्षेत्रों में शनिवार को पराली जलाने की 882 घटनाएं हुईं. इसमें बताया गया कि पीएम 2.5 प्रदूषक तत्वों में पराली जलाने की हिस्सेदारी शनिवार को करीब 19 फीसदी रही.

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अधिकारियों के अनुसार, पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष इस मौसम में अब तक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं अधिक हुई हैं, जिसकी वजह है धान की समयपूर्व बुवाई और कोरोना वायरस महामारी के कारण खेतों में काम करने वाले श्रमिकों की अनुपलब्धता. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक पिछले वर्ष इस दौरान पराली जलाने की 1,631 घटनाएं हुई थीं लेकिन इस बार 4,585 घटनाएं हुईं. हरियाणा में पिछले वर्ष 16 अक्टूबर तक पराली जलाने की 1,200 घटनाएं हुई थीं और इस बार 2,016 घटनाएं हुई.

Source : News Nation Bureau

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