New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2021/04/29/noida-hospitals-33.jpg)
तीसरी लहर से पहले ही दिल्ली के 80 फीसद बेड फुल ( Photo Credit : न्यूज नेशन)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
तीसरी लहर से पहले ही दिल्ली के 80 फीसद बेड फुल ( Photo Credit : न्यूज नेशन)
कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका को लेकर सभी राज्यों ने तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली में भी बेड की संख्या बढ़ाने के साथ ही अन्य प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि राजधानी दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों क एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली के अधिकांश अस्पतालों में 80 फीसद से अधिक बेड फुल हो चुके हैं. जानकारी के मुताबिक ये मरीज पोस्ट कोविड मामलों के हैं. अस्पतालों में पोस्ट कोविड मामलों की बाढ़ सी आ गई है. हालात ऐसे हैं कि एम्स जैसे बड़े अस्पतालों में मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ेंः इसरो का EOS-03 सैटेलाइट लॉन्चिंग मिशन फेल, क्रायोजेनिक इंजन से नहीं मिल रहे आंकड़े
बड़े अस्पतालों में अधिकांश बेड फुल
दिल्ली के लगभग सभी बड़े अस्पतालों में जनरल और आईसीयू बेड फुल हो गए हैं. एक तरफ एम्स में मरीजों के लिए वेटिंग बढ़ गई है तो वहीं मैक्स, अपोलो और फोर्टिस सहित बड़े प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड भी इनदिनों लगभग फुल चल रहे हैं. चिंताजनक बात यह है कि अभी दिल्ली में कोरोना के 50-60 मामले की रोज सामने आ रहे हैं. ऐसे में अगर कोरोना के केस की संख्या बढ़ी हो हालात चिंताजनक हो सकते हैं.
यह भी पढ़ेंः मोदी सरकार अब OBC में क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने पर कर रही विचार
दिल्ली के अस्पतालों की बात करें तो करीब 200 अस्पतालों में 20 हजार से भी अधिक बेड हैं. इनमें से 16636 बिस्तर कोविड के लिए आरक्षित हैं जिनमें से दिल्ली सरकार के अनुसार 16325 बिस्तर खाली हैं. जबकि अस्पतालों में 80 फीसदी तक बिस्तरों को भरा बताया जा रहा है. कई अस्पतालों के आईसीयू में 90 से 95 फीसदी तक बिस्तरों पर मरीज भर्ती हैं. मैक्स, अपोलो, फोर्टिस, इंडियन स्पाइन इंजरी सेंटर सहित लगभग सभी बड़े अस्पतालों से जानकारी मिली है कि उनके यहां बिस्तरों की संख्या अधिकांश फुल जा रही है. कोविड मामले कम होने के चलते आरक्षित बिस्तरों की संख्या कम कर दी है लेकिन पोस्ट कोविड के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं.
HIGHLIGHTS