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मोदी सरकार अब OBC में क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने पर कर रही विचार

समुदाय की नाराजगी से बचने के लिए ओबीसी क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी केंद्र सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.

Updated on: 12 Aug 2021, 06:49 AM

highlights

  • केंद्र के पास क्रीमी लेयर की आय दर में संशोधन का प्रस्ताव
  • हालांकि जी रोहिणी आयोग की रिपोर्ट अभी तैयार नहीं
  • 2017 में क्रीमी लेयर की सालाना आय 8 लाख तय हुई

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार (Modi Government) ओबीसी आरक्षण मसले पर विपक्ष की घेराबंदी की काट के लिए कई कदम उठा रही है. ओबीसी लिस्ट वाले बिल के बाद अब समुदाय की नाराजगी से बचने के लिए ओबीसी क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी केंद्र सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. केंद्र ने संसद को अवगत कराया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में क्रीमी लेयर का निर्धारण करने के लिए आय मानदंड में संशोधन का एक प्रस्ताव उसके पास विचाराधीन है. राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक व अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने यह जानकारी दी.

ओबीसी में क्रीमी लेयर के आय में संशोधन प्रस्तावित
तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य प्रकाश बांदा ने केंद्र सरकार से जानना चाहा था कि क्या अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने भी ओबीसी क्रीमी लेयर की आयसीमा को बढ़ाने के लिए सिफारिश की है. इसके जवाब में भौमिक ने कहा, 'जी हां. ओबीसी के मध्य क्रीमी लेयर का निर्धारण करने के लिए आय मानदंड में संशोधन हेतु एक प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है.' क्रीमी लेयर' में ओबीसी के सामाजिक और आर्थिक रूप से तरक्की कर चुके सदस्य शामिल किए जाते हैं. फिलहाल 8 लाख सालाना आय वाले ओबीसी परिवारों को क्रीमी लेयर का हिस्सा माना जाता है. क्रीमी लेयर के दायरे में आने वाले परिवारों को सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई और सरकारी नौकरी में मिलने वाले 27 फीसदी आरक्षण का फायदा नहीं मिलता है.

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ओबीसी के उप वर्गीकरण की रिपोर्ट का इंतजार
क्रीमी लेयर में सालाना आय की सीमा का हर 3 साल में समीक्षा करने का प्रावधान है, इसके पहले 2017 में क्रीम लेयर के अंतर्गत सालाना आय की सीमा बढ़ाकर 8 लाख की गई थी. वहीं 2013 में आय की सीमा को बढ़ाकर 6 लाख किया गया था. गौरतलब है कि सरकार द्वारा ओबीसी के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर विचार के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जी रोहिणी की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया है. आयोग ने अभी अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है.