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दिल्ली की सड़कों पर उतरे डॉक्टरों ने राजघाट तक किया पैदल मार्च, जानें क्या हैं मांगे

Delhi News : देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सभी डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए, जिसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप रही हैं. सरकार से अपनी सुरक्षा और पहले से चली आ रही मांगों को लेकर भारी संख्या में डॉक्टरों ने रविवार को चलो

Updated on: 29 Oct 2023, 06:13 PM

नई दिल्ली:

Delhi News : देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सभी डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए, जिसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप रही हैं. सरकार से अपनी सुरक्षा और पहले से चली आ रही मांगों को लेकर भारी संख्या में डॉक्टरों ने रविवार को चलो राजघाट मार्च निकाला. उन्होंने सुबह मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से लेकर राजघाट तक पैदल मार्च किया है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन द्वारा 'चलो राजघाट' मार्च का आह्वान किया गया था.   

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RDA, FORDA, विभिन्न विशेष समूहों और एंबुलेंस सेवाओं जैसे संगठनों के सदस्यों समेत करीब 10 हजार से अधिक डॉक्टरों ने दिल्ली में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से लेकर राजघाट की ओर मार्च करते हुए एक विशाला जुलूस में हिस्सा लिया है. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने भारी बैरिकेड्स लगाए थे, जिससे राजघाट की ओर से रैली की बाधित हो गई है. इसके जवाब में डॉक्टरों ने जमकर प्रदर्शन किया और करीब एक घंटे तक सड़कों पर बैठे रहे.    

डॉक्टरों का कहना है कि राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों और हेल्थ से जुड़े लोगों के खिलाफ हिंसक घटनाएं लगातार हो रही हैं. इस लेकर दिल्ली पुलिस से शिकायतें की जा रही हैं, लेकिन अभी तक इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. केंद्र और राज्य सरकार को भी पहले इस संबंध में अल्टीमेटम दे दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी उनकी ओर से कोई पहल नहीं की गई है. इसके बाद मजबूर होकर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के नेतृत्व में डॉक्टरों को अपनी हक की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरा पड़ा है. 

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जानें क्या हैं मांगें

1. स्वास्थ्य कर्मियों की हिंसा से सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय अधिनियम का अधिनियमन.
2. नर्सिंग होम पंजीकरण के लिए व्यावहारिक अग्नि सुरक्षा मानदंड का कार्यान्वयन. 
3. नर्सिंग होम को समर्थन देने के लिए गृह कर कारकों का समायोजन.
4. चिकित्सा प्रशिक्षुओं के लिए कार्य स्थितियों में सुधार
5. उचित कैडर प्रबंधन की स्थापना और वरिष्ठता की मान्यता.
6. गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनयम में संशोधन.
7. तृतीय पक्ष प्रशासकों (DPA) और बीमा कार्टेल द्वारा दमनकारी मूल्य निर्धारण में कटौती.
8. एलोपैथिक चिकित्सा को अपमानित करने वाले विज्ञापनों पर रोक.
9. स्वास्थ्य सेवाओं की डिजिटल मार्केटिंग पर प्रतिबंध लगाना.