देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बेबस हुए मरीज
दिल्ली में कई अस्पतालों के बाहर मरीजों को अपने परिजनों के साथ इंतजार करते हुए देखा गया है. ये लोग अंदर मौजूद मेडिकल स्टाफ से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं.
highlights
- दिल्ली में कोरोना से बिगड़े हालात
- स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह चरमराईं
- बढ़ते मामलों के बीच बेबस हुए मरीज
नई दिल्ली:
दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोनावायरस के भयंकर दूसरी लहर के बीच मरीजों का हाल बेहाल है, क्योंकि सही समय पर सभी मरीजों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की दिशा में अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों को निरंतर संघर्ष करना पड़ रहा है. दिल्ली में कई अस्पतालों के बाहर मरीजों को अपने परिजनों के साथ इंतजार करते हुए देखा गया है. ये लोग अंदर मौजूद मेडिकल स्टाफ से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. मरीजों की भारी तादात के चलते कई बार इन्हें अंदर जाने तक को नहीं दिया जा रहा है.
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एलएनजीपी अस्पताल के बाहर प्रतीक्षारत एक मरीज के परिजन ने बताया कि मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा है. हमें अस्पताल के सीएमओ से बात करने के लिए कहा गया है और किसी ने हमसे यह भी कहा कि मेडिकल डायरेक्टर ने मरीजों को एडमिट कराने से मना कर दिया है. इसी तरह से किरण भाटिया को भी अस्पताल के बाहर खड़े एक ऑटो रिक्शा में अपनी मां के साथ इंतजार करते हुए देखा गया. अस्पताल के गेट के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मियों से इन लोगों की गुजारिश बस इतनी है कि इन्हें कम से कम अस्पताल में एंट्री करने दिया जाए.
अस्पताल के बाहर संक्रमित मरीजों की लंबी कतारों, इंतजार की इस लंबी घड़ी पर टिप्पणी करते हुए एलएनजीपी हॉस्पिटल के निदेशक सुरेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि अपर्याप्त आपूर्ति के चलते मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है. हम बाहर खड़े मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेज रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमने इस पर एक बैठक भी की है. हमारे पास अब सिर्फ आठ घंटे तक के लिए ही ऑक्सीजन सप्लाई है और बेड भी सारे फुल हैं.
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यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली सरकार के अधिकारियों को उनकी समस्याओं से अवगत कराया गया है, इसके जवाब में कुमार ने कहा कि सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई है. इस बीच, बाहर अपनी इलाज के लिए इंतजार में बैठे मरीजों को जिंदगी के लिए संघर्ष करते हुए देखा गया. एक मरीज को गंभीर हालत में अस्पताल में लाए अमित शर्मा ने बताया, '15 अस्पतालों के चक्कर लगा चुका हूं. हर कहीं मरीज को भर्ती करवाने से इंकार कर दिया गया है.' अमित के साथ आए परिवार के एक अन्य सदस्य ने कहा, 'कई सारे हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं, लेकिन कहीं से भी जवाब नहीं मिल रहा है.'
अस्पताल के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि उन्हें चिकित्सा निदेशक द्वारा मरीजों को अंदर जाने से रोकने के लिए कहा गया है. इस पर टिप्पणी करते हुए अस्पताल के कुछ डॉक्टरों ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण चिकित्सा निदेशक ने रोगियों को एडमिट करने इनकार कर दिया है.
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