/newsnation/media/post_attachments/images/2021/06/06/nurses-45.jpg)
दिल्ली: जीबी पंत अस्पताल ने जारी किया ऐसा आदेश, बवाल बढ़ने पर यू-टर्न( Photo Credit : ANI)
कोरोना वायरस महामारी के बीच दिल्ली के सरकारी जीबी पंत अस्पताल के एक आदेश को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. जीबी पंत अस्पताल ने एक आदेश जारी किया, जिस पर विवाद शुरू हो गया. अस्पताल ने नर्सिंग कर्मियों को मलयालम में बात न करने के आदेश दिया था यानी आदेश में नर्सेज को वर्क प्लेस पर मलयालम के प्रयोग करने से मना किया गया. लेकिन जब इस आदेश ने राजनीतिक तूल पकड़ा तो अब अस्पताल ने इससे यूटर्न ले लिया है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इस मामले में अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट पर कार्रवाई हो सकती है.
यह भी पढ़ें : घर घर राशन व्यवस्था लागू हो जाती तो राशन माफिया खत्म हो जाते: अरविंद केजरीवाल
दरअसल, दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में से एक गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जीआईपीएमईआर) ने शनिवार सर्कुलर जारी किया. इसमें नर्सों से वर्क प्लेस पर मलयालम में संवाद करने से मना किया गया. नर्सों से कहा गया था कि वे बातचीत के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग करें या फिर कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें. बताया जाता है कि अस्पताल ने यह सर्कुलर एक शिकायत के बाद जारी किया था. शिकायत में कहा गया था कि नर्सिंग स्टाफ अपनी लोकल भाषा मलयालम में बात करती हैं. इससे मरीजों को उनकी बात समझने में परेशानी होती है. इसके बाद यह आदेश अस्पताल ने दिया था.
हालांकि इस फरमान का काफी विरोध हुआ. मामले पर सियासत भी शुरू हो गई. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके इस आदेश को भेदभाव बताया. राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, 'मलयालम भी उतनी ही भारतीय भाषा है, जितनी कोई अन्य भाषा. भाषायी भेदभाव बंद करें.'
Malayalam is as Indian as any other Indian language.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 6, 2021
Stop language discrimination! pic.twitter.com/SSBQiQyfFi
यह भी पढ़ें : Corona Virus Live Updates: उत्तर प्रदेेश के 3 जिलों को छोड़ सभी से हटा कोरोना कर्फ्यू
अस्पताल के आदेश पर बढ़ते विरोध को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इस पर संज्ञान लिया और अस्पताल से आदेश वापस लेने के लिए कह दिया है. जिसके बाद आदेश वापस ले लिया गया. हालांकि मामले में अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट पर कार्रवाई हो सकती है. सरकार ने मेमो जारी किया है.