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दिल्ली हिंसा: आईबी कर्मचारी की हत्या मामले में ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी खारिज

आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के अन्य मामले में आरोपी आम आदमी पार्टी के बर्खास्त पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

Updated on: 13 Jul 2020, 04:03 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली (Delhi) में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामले और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा (Ankit Sharma) की हत्या के अन्य मामले में आरोपी आम आदमी पार्टी के बर्खास्त पार्षद ताहिर हुसैन को बड़ा झटका लगा है. इस मामले में ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) की जमानत अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि दंगे पूर्व नियोजित व बड़ी साज़िश का हिस्सा थे.

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आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की ज़मानत अर्जी खारिज करते हुए ASJ विनोद यादव ने कहा कि पुख्ता सबूत है कि ताहिर हुसैन मौके पर मौजूद था और एक 'खास सम्प्रदाय' के लोगों को उकसा रहा था. उसके इशारे पर 'human weapons' में तब्दील लोग किसी की भी जान ले सकते थे. उन्होंने कहा, 'ताहिर हुसैन का  घटनास्थल पर उसकी मौजूदगी को साबित करने के लिए कोई सीसीटीवी फुटेज न होने की दलील में कोई दम नहीं है, क्योंकि दंगाइयों ने घटनास्थल के आसपास सारे सीसीटीवी तोड़ डाले थे.'

ASJ विनोद यादव ने कहा, 'मेरी नज़र में उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे पूर्व नियोजित और सोची समझी साजिश का हिस्सा थे. अगर ताहिर हुसैन को ज़मानत दी जाती है तो ऐसी सूरत में उसके द्वारा गवाहों को धमकाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.'

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इससे पहले मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली दंगों के मामले में धन शोधन की अपनी जांच के सिलसिले में ताहिर हुसैन के परिसरों सहित कई स्थानों पर छापे मारे. दिल्ली, नोएडा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कम से कम छह स्थानों पर छापेमारी की गई. मामले में अतिरिक्त साक्ष्य एकत्र करने के मकसद से छापे मारे गए. ईडी ने मार्च में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद हुसैन, इस्लामी संगठन पीएफआई और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ दिल्ली में हाल ही में हुए दंगों के सिलसिले में धन शोधन और दंगों के लिए धन मुहैया कराने का मामला दर्ज किया था.

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अधिकारियों ने बताया कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था और इसके प्रावधानों के तहत ही छापेमारी की गई। केंद्रीय जांच एजेंसी ने उत्तरपूर्व दिल्ली में स्थित हुसैन के कार्यालयों में भी तलाश की। वह उन आरोपों की जांच कर रही है कि हुसैन और उनसे जुड़े व्यक्तियों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों और दंगों को भड़काने के लिए कथित मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल कर 1.10 करोड़ रुपये के मूल्य के काले धन को सफेद बनाया.

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने फरवरी में उत्तरपूर्व दिल्ली में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामले और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के अन्य मामले में हुसैन के खिलाफ दो आरोप-पत्र दायर किए थे. शर्मा (26) के परिवार ने हत्या के पीछे हुसैन को जिम्मेदार बताया था. शर्मा का शव दंगा प्रभावित चांद बाग इलाके में उनके घर के पास एक नाले से मिला था. दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट के तहत वार्ड संख्या 59 से आप का पार्षद हुसैन फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

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