Delhi School Education Act 2025: मनमानी फीस लेने वाले स्कूलों पर लगी लगाम, जानें अधिनियम से जुड़ीं खास बातें

Delhi School Education Act 2025: यह विधेयक अभिभावक, शिक्षक, प्रबंधकों और सरकार के प्रतिनिधित्व वाली स्कूल स्तरीय फीस नियंतित्र समितियों को अनिवार्य बनाता है.

Delhi School Education Act 2025: यह विधेयक अभिभावक, शिक्षक, प्रबंधकों और सरकार के प्रतिनिधित्व वाली स्कूल स्तरीय फीस नियंतित्र समितियों को अनिवार्य बनाता है.

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Mohit Saxena
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Chief Minister Rekha Gupta

Chief Minister Rekha Gupta Photograph: (Social Media)

Delhi School Education Act 2025: दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) अधिनियम, 2025 को मंजूरी दी गई है. इस पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अपनी स्वीकृति दे दी है. इसके बाद सरकार ने इसे अधिसूचित कर दिया है. यह कानून राजधानी में लागू कर दिया गया है. दिल्ली विधानसभा में आठ अगस्त को यह बिल पारित किया गया था. इस कानून ने स्कूलों में एक सुदृढ़, पारदर्शी और सहभागी शुल्क विनियमन प्रणाली को स्थापित किया है. यह विधेयक अभिभावक, शिक्षक, प्रबंधकों और सरकार के प्रतिनिधित्व वाली स्कूल स्तरीय फीस नियंतित्र समितियों को जरूरी बनाता है.

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अब किसी तरह की फीस बढ़ोतरी को लेकर पूर्व अनुमति की जरूरत है. यह विधेयक बहु:स्तरीय शिकायत निवारण प्रदान करेगा. इसके साथ विवादित शुल्क के लिए छात्रों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाएगा. स्वीकृत की तय फीस तीन वर्षों तक यथावत रहने वाली. इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम पड़ेगा. 

शिक्षा कानून की अहम बातें 

मनमानी फीस नहीं लगने वाली है. कोई भी स्कूल तय की गई फीस से अधिक धनराशि नहीं वसूल सकेगा. हर स्कूल मे फीस समिति बनेगी. इसमें प्रबंधन, शिक्षक, अभिभावक, महिलाएं और वंचित वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा. इस तरह से फीस तय करने में सबकी भागीदारी होगी. इसके साथ जिले में शिकायत निवारण समिति बने. फीस से जुड़ी शिकायतें और  विवाद वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों की अध्यक्षता में बनी समिति तुरंत सुलझाएगी. उच्चस्तरीय पुनरीक्षण समिति बनेगी. ये जिला स्तर के फैसलों पर अपनी जांच करेगी. इस तरह से किसी तरह का पक्षपात नहीं होगा. 

फीस की पूरी जानकारी सामने रखनी होगी

स्कूलों को फीस की पूरी जानकारी सामने रखनी होगी. स्वीकृत फीस का ब्योरा नोटिस बोर्ड, वेबसाइट और हिंदी,अंग्रेजी व स्कूल की भाषा में खुले रूप से प्रदर्शित करना होगा. तीन साल तक फीस में स्थिरता बनी रहेगी. एक बार तय हुई फीस तीन शैक्षणिक वर्षों तक बनी रहने वाली है. बार-बार फीस की बढ़ोतरी नहीं होगी. इस दौरान उल्लंघन पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा. अधिक या अवैध फीस लेने वाले स्कूलों पर भारी आर्थिक दंड लगाया जाएगा.  

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