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दिल्ली दंगाः पुलिस ने कोर्ट में कहा- मीडिया को कैसे मिला जांच का विवरण, नहीं पता

दिल्ली पुलिस ने कहा कि अदालत के आदेश के तहत अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने आरोपों की ‘विस्तृत जांच’ की लेकिन यह पता नहीं चल सका कि जानकारी कथित रूप से कैसे लीक हुई.

Updated on: 06 Aug 2021, 07:02 AM

नई दिल्ली:

हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों के मामले की सुनवाई के बाद दिल्ली पुलिस से पूछा था कि आखिर उसकी जांच का ब्योरा मीडिया तक कैसे पहुंचा. दिल्ली पुलिस ने एक स्टेटस रिपोर्ट में उच्च न्यायालय को बताया कि जांच में यह पता नहीं चल सका है कि दिल्ली दंगों की तहकीकात का ब्योरा मीडिया को कैसे मिला था. पुलिस ने यह रिपोर्ट आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा की उस याचिका पर दायर की है जिसमें आरोप लगाया गया है कि संबंधित अदालत द्वारा संज्ञान लेने से पहले ही आरोप पत्र की सामग्री को लीक कर दिया गया था. न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सीलबंद लिफाफे में मिली दिल्ली पुलिस की पृथक जांच रिपोर्ट पढ़ेंगी और तन्हा की याचिका को सुनवाई के लिए 11 अगस्त को सूचीबद्ध कर दिया.

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दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए वकील रजत नायर ने अदालत को सूचित किया कि मामले में स्थिति रिपोर्ट भी दायर कर दी गई है. स्थिति रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि अदालत के आदेश के तहत अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने आरोपों की ‘विस्तृत जांच’ की लेकिन यह पता नहीं चल सका कि जानकारी कथित रूप से कैसे लीक हुई. स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक, “जांच अधिकारी तफ्तीश के दौरान उन अधिकारियों/कार्यालयों का पता नहीं लगा सके जहां से जांच का विवरण मीडिया के साथ साझा किया गया था.” अदालत को बताया गया कि प्रक्रिया के दौरान विभिन्न मीडिया कर्मियों से पूछताछ की गई लेकिन उन्होंने ‘अपने सूत्रों का विवरण’ देने से मना कर दिया और निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि मामलों की फाइलों को अधिक मुस्तैदी से संभाला जाए ताकि ऐसे मुद्दे भविष्य में न उपजें.

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दिल्ली पुलिस ने कहा कि तन्हा के स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार में कोई पूर्वाग्रह नहीं हुआ है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र तन्हा ने पिछले साल उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि संबंधित अदालत द्वारा संज्ञान लेने से पहले ही मुख्य आरोप पत्र में शामिल खुलासा करने वाले उनके बयान को कथित रूप से लीक करके पुलिस अधिकारियों ने कदाचार किया है. यह बयान छानबीन के दौरान जांच अधिकारियों ने दर्ज किया था.