/newsnation/media/media_files/2025/11/12/delhi-bomb-blast-red-eco-sports-2025-11-12-19-21-52.jpg)
Delhi Red Fort Blast: दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए ब्लास्ट की जांच अब और गहराती जा रही है. इस केस में संदिग्ध लाल रंग की फोर्ड EcoSport कार (नंबर DL10CK0458) को आखिरकार पुलिस ने फरीदाबाद के खंदावली गांव के पास से बरामद कर लिया है. यह वही कार है, जिसे ब्लास्ट के बाद से सुरक्षा एजेंसियां तलाश रही थीं. इसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. यही नहीं हो सकता है कि कार के जरिए गुत्थी सुलझाने में भी जांच एजेंसियों को कोई अहम सुराग मिल जाए.
उमर नबी की कार से मिला अहम लिंक
पुलिस जांच में पता चला है कि यह कार उमर नबी के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जो इस केस का मुख्य संदिग्ध है. दिलचस्प बात यह है कि इस कार का पहला मालिक देवेंद्र नामक व्यक्ति था वही नाम i20 कार के ओनरशिप रिकॉर्ड में भी सामने आया है, जिसमें धमाका हुआ था. अब एजेंसियां यह जांच कर रही हैं कि क्या दोनों कारों का मालिक एक ही देवेंद्र है, या फिर यह नाम किसी बड़े नेटवर्क को छिपाने के लिए इस्तेमाल किया गया था.
उमर की गतिविधियों पर नई जानकारी
सूत्रों के अनुसार, धमाके से कुछ घंटे पहले उमर नबी दिल्ली के कमला मार्केट थाने के पास स्थित एक मस्जिद में गया था. वह वहां लगभग 10 मिनट तक रुका और फिर लाल किला की ओर बढ़ गया. माना जा रहा है कि यही वह समय था जब उसने अंतिम योजना को अंजाम देने का निर्णय लिया. जांच एजेंसियां अब मस्जिद में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही हैं, ताकि उमर के मूवमेंट का सटीक टाइमलाइन तैयार किया जा सके.
#WATCH | Haryana | Faridabad police have rounded up the red EcoSport DL 10 CK 0458, suspected to be linked to the prime suspect, Dr Umar Un Nabi, in the Delhi blast case. It was found parked near Khandawali village.
— ANI (@ANI) November 12, 2025
Source: Faridabad Police https://t.co/6pUClQyzFPpic.twitter.com/YQT7nHCtBf
डॉ. शाहीन की फंडिंग और महिला विंग नेटवर्क
ब्लास्ट केस का दूसरा बड़ा पहलू लेडी डॉक्टर शाहीन शाहिद से जुड़ा है. जांच में खुलासा हुआ है कि शाहीन को जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की ओर से लगातार फंडिंग मिल रही थी. उसका काम वेस्टर्न यूपी खासकर सहारनपुर और हापुड़ में महिला रिक्रूटमेंट सेंटर स्थापित करना था. शाहीन ऐसे इलाकों में जगह तलाश रही थी जो शहर से थोड़ा दूर हों और जहां लोगों की आवाजाही कम हो.
शाहीन ने मिनी रिक्रूट-कमांड सेंटर बनाने के लिए जैश से मिली रकम का इस्तेमाल किया. जांच में उसके बैंक खातों में विदेशी फंडिंग के संकेत भी मिले हैं, जिन्हें अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और खुफिया एजेंसियां ट्रैक कर रही हैं.
जकात और मदरसे के नाम पर आतंकी फंडिंग
शाहीन और मौलवी इरफान अहमद पर आरोप है कि दोनों 'जकात' और 'गरीब मुस्लिम बच्चियों की शिक्षा' के नाम पर धन एकत्र कर रहे थे. एजेंसियों को शक है कि इसी धन से विस्फोटक सामग्री, रेकी मिशन और ऑनलाइन नेटवर्किंग को वित्तपोषित किया गया. बताया जा रहा है कि शाहीन का सीधा संपर्क मसूद अजहर की बहन सहीदा अजहर से था, जिससे वह निर्देश प्राप्त करती थी.
यह भी पढ़ें - दिल्ली धमाके में हाथ लगा सबसे बड़ा सुराग, i20 के साथ ये कार भी हुई थी इस्तेमाल
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us