logo-image

दिल्ली-NCR में अगले आदेश तक बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज, ट्रकों की एंट्री पर बैन

खराब वायु गुणवत्ता की वजह से दिल्ली-एनसीआर में सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को अगली सूचना तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है.यह फैसला दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट पर हुई एक आपात बैठक के बाद लिया गया है.

Updated on: 17 Nov 2021, 08:24 AM

highlights

  • सभी शैक्षणिक संस्थानों को अगली सूचना तक बंद करने का आदेश दिया गया है
  • दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को कई निर्देश जारी किए
  • 21 नवंबर तक ट्रकों को दिल्ली में एंट्री नहीं दी जाएगी

नई दिल्ली:

दिल्ली-NCR में प्रदूषण से स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। ऐसे में सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को अगली सूचना तक बंद करने का आदेश दिया गया है. कई शिक्षण संस्थान, जो कोरोना महामारी के कारण अबतक बंद पड़े थे और खुलने की कगार पर थे, उन्हें पढ़ाई के ऑनलाइन मोड पर वापस जाने को कहा गया है. मंगलवार रात को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण संकट से निपटने को लेकर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को कई निर्देश जारी किए. यह फैसला मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट पर हुई एक आपात बैठक के बाद लिया गया है.

बैठक में दिए निर्देशों को तुरंत प्रभाव से लागू करा गया है. राज्य सरकारों को 22 नवंबर को इस  संबंध में अनुपालन रिपोर्ट को दाखिल करना होगा। सीएक्यूएम द्वारा जारी नौ पन्नों के आदेश में एनसीआर सरकारों (दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) को ये सलाह दी गई है कि  21 नवंबर तक 50 प्रतिशत कर्मियों को घर से काम को शुरू करने की अनुमति होगी.

ये भी पढ़ें:  गुरु पर्व से पहले सिख श्रद्धालुओं को तोहफा, आज से दोबारा खुलेगा करतारपुर कॉरिडोर

शिक्षण संस्थानों को बंद करने के साथ सीएक्यूएम ने निर्देश दिया है कि दिल्ली-एनसीआर में सरकारी कार्यालयों में कम से कम 50 प्रतिशत कर्मचारियों को 21 नवंबर तक घर से काम  करने की इजाजत दी जाएगी. निजी प्रतिष्ठानों को भी इसे लागू करने के आग्रह किया जाएगा. इस तरह से वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम हो सकेगा.

ट्रक की एंट्री पर बैन

आवश्यक सामान ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर, 21 नवंबर तक ट्रकों को दिल्ली में एंट्री नहीं दी जाएगी. इस तरह से केवल ऐसे ट्रकों को रियायत मिलेगी जो जरूरी सेवाओं से जुड़े होंगे. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए वाहनों का धुआं , घरों का धुआं और पराली और उद्योगिक और कंस्ट्रक्शन है. वाहनों का कम से कम इस्तेमाल और सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग हो. लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो , कोई व्यक्ति कुछ जलाए तो उसकी सूचना  दें.  

निर्माण गतिविधियों पर रोक

दिल्ली-एनसीआर में अपवादों को छोड़कर सभी निर्माण कार्य और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर 21 नवंबर तक पाबंदी लगाई जाएगी. इसके साथ दिल्ली-एनसीआर की सरकारों को साफतौर से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों और वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र वाले वाहनों पर रोक लगाने के लिए कहा गया है. यातायात के सुचारू संचालन के लिए ट्रैफिक टास्क फोर्स की टीमों को तैनात करने का आदेश जारी किया गया है. 

11 थर्मल प्लांटों में से छह 30 नवंबर तक बंद

दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्यारह थर्मल प्लांटों में से छह को 30 नवंबर तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बीते दस दिनों से  भी अधिक समय से जहरीले स्मॉग की लेयर है. अधिकारियों के अनुसार कम से कम अगले तीन दिनों तक इसमें किसी भी सुधार की उम्मीद नहीं है. राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कई दिनों से बेहद श्रेणी में बना हुआ है.