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Delhi MCD Bypoll: दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर चुनावी सरगर्मी बढ़ने वाली है. जी हां चुनावी मौसम आ गया है. राजधानी में चुनाव आयोग ने मंगलवार को ऐलान किया कि दिल्ली नगर निगम (MCD) की 12 सीटों पर उपचुनाव कब होंगे. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक 30 नवंबर 2025 को मतदान होगा जबकि 3 दिसंबर 2025 को इसके परिणाम आएंगे. इन उपचुनावों से खाली पड़ी सीटों पर नए पार्षद चुने जाएंगे.
ये रहा उपचुनाव का पूरा शेड्यूल
- चुनाव आयोग की घोषणा के मुताबिक, नामांकन प्रक्रिया 3 नवंबर से शुरू होगी और उम्मीदवार 10 नवंबर तक अपने पर्चे दाखिल कर सकेंगे.
- 12 नवंबर: नामांकन पत्रों की जांच होगी
- 15 नवंबर: प्रत्याशी चाहें तो नाम वापस ले सकते हैं
- 30 नवंबर: सुबह 7:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक वोटिंग बिना किसी ब्रेक के होगी
- 3 दिसंबर: वोटों की गिनती होगी और नतीजे घोषित किए जाएंगे
आयोग के मुताबिक उपचुनावों की सारी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. सुरक्षा व्यवस्था, ईवीएम की जांच और मतदान केंद्रों की सूची अंतिम रूप में तैयार की जा रही है.
किन 12 वार्डों में होंगे उपचुनाव
इन उपचुनावों में दिल्ली के 12 प्रमुख वार्ड शामिल हैं:
मुंडका, शालीमार बाग-बी, अशोक विहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, द्वारका-बी, दिचाऊं कलां, नारायणा, संगम विहार-ए, दक्षिणपुरी, ग्रेटर कैलाश और विनोद नगर. इन वार्डों की सीटें विभिन्न कारणों से खाली हुई थीं. कुछ पार्षद विधायक बन गए, तो कुछ ने संसद की सदस्यता ग्रहण की.
क्यों खाली हुई सीटें?
कई सीटें फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद खाली हो गई थीं, क्योंकि कुछ एमसीडी पार्षद विधायक बन गए. द्वारका-बी वार्ड से पार्षद कमलजीत सेहरावत के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई. वहीं शालीमार बाग-बी वार्ड पहले बीजेपी की वरिष्ठ नेता रेखा गुप्ता के पास था, जिन्होंने बाद में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके अलावा बाकी वार्डों में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने विधानसभा चुनाव जीतकर एमसीडी सीटें खाली की थीं.
सियासी समीकरण और मुकाबला
दिल्ली एमसीडी में पहले से ही बीजेपी और AAP के बीच कांटे की टक्कर है. अब 12 सीटों के उपचुनाव में दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर है. बीजेपी इन चुनावों को “जनमत संग्रह” बताकर मैदान में उतरेगी, जबकि AAP इसे जनसेवा की रिपोर्ट कार्ड परीक्षा के रूप में पेश कर रही है. कांग्रेस भी कुछ वार्डों में अपनी जमीन दोबारा हासिल करने की कोशिश करेगी.
दिल्ली एमसीडी के 12 वार्डों पर होने वाले ये उपचुनाव राजधानी की सियासत की दिशा तय कर सकते हैं. नवंबर का महीना दिल्ली के लिए एक बार फिर वोट का महीना बनने जा रहा है, जहां हर पार्टी अपने अस्तित्व और जनसमर्थन की परीक्षा से गुजरेगी.
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