Bihar Elections: मतदान से पहले RJD का बड़ा एक्शन, पार्टी से 27 नेताओं की छुट्टी, सामने आई ये वजह

Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी तेज हो चुकी है. 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है. इस दौरान 121 सीटों पर वोटिंग होगी. लेकिन इससे पहले राजनीतिक दल लगातार अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटे हैं.

Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी तेज हो चुकी है. 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है. इस दौरान 121 सीटों पर वोटिंग होगी. लेकिन इससे पहले राजनीतिक दल लगातार अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटे हैं.

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Dheeraj Sharma
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RJD Expelled 27 leaders from party

Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी तेज हो चुकी है. 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है. इस दौरान 121 सीटों पर वोटिंग होगी. लेकिन इससे पहले राजनीतिक दल लगातार अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटे हैं. इसके लिए जनता के बीच जाने के साथ-साथ किसी भी विवाद से दूरी बनाई जा रही है. इसी कड़ी में अब राष्ट्रीय जनता दल की ओर से एक बड़ी कार्रवाई की गई है. इसके तहत तेजस्वी यादव ने पार्टी से 27 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. 

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27 अक्टूबर 2025 को राजद ने एक पत्र जारी कर स्पष्ट किया कि 27 नेताओं को छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है.  परसा से विधायक छोटे लाल राय, गोविंदपुर से विधायक मो. कामरान. पूर्व विधायक जैसे राम प्रकाश महतो (कटिहार) व अख्शय लाल यादव (चिरैया) आदि.  अन्य कई वरिष्ठ और जिलास्तरीय नेताओं को सदस्यता रद्द कर दी गई है. 

ये रही निकाले गए नेताओं की लिस्ट

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क्यों की गई नेताओं की छु्टटी

चुनाव से ठीक पहले नेताों को पार्टी से निकालने के पीछे जो वजह बताई गई है उसके मुताबिक ये नेता “पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के विपरीत” चुनावी अभियान में शामिल पाए गए थे, जो राजद या उसके गठबंधन (Mahagathbandhan) की नीतियों के विरुद्ध था. 

मतदान की तारीख नजदीक आने के कारण केंद्रीय ध्यान सीनियर नेताओं की वफादारी और चुनावी रणनीति पर बना हुआ है.  राजद को लगा कि कुछ नेता निर्दलीय रूप से अथवा प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के पक्ष में काम कर रहे हैं, जिससे पार्टी की चुनावी दिशा प्रभावित हो सकती है.  यह कदम संकट नियंत्रण का हिस्सा माना जा रहा है ताकि समय रहते पार्टी में अनुशासन कायम रहे. 

इसका क्या असर होगा?

निष्कासन से पार्टी को साफ-सुथरा चेहरा देने में मदद मिलेगी. वफादारी, एकता और चुनावी रणनीति को मजबूती मिलेगी.   वहीं दूसरी ओर, निकाले गए नेताओं का अपना वोट बैंक हो सकता है ऐसे में वे प्रतिद्वंद्वी के लिए खड़े होते हैं, तो यह राजद को नुकसान भी पहुंचा सकता है. 

यह संकेत है कि अन्य दलों में भी इस तरह की उपद्रव या बगावत का खतरा है यानी चुनावी समय में दलों की अंदरूनी खींचतान बढ़ सकती है. बता दें कि इससे पहले जेडीयू और बीजेपी ने भी इसी तरह की गतिविधियों के लिए चलते कई नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है. 

चुनाव से पहले शुद्धिकरण

बता दें कि बिहार की 243 सीटों की विधानसभा को चुनने के लिए दो चरणों में मतदान होगा.  पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को. जबकि परिणाम 14 नवंबर को घोषित होंगे.  इस बीच, प्रमुख गठबंधन जैसे बीजेपी, JDU का NDA और Mahagathbandhan (राजद-कांग्रेस-साझेदार) में अल्पसंख्यक दल संघर्षरत हैं. 

इस प्रकार, राजद की ओर से 27 नेताओं को निष्कासित करना सिर्फ एक शुद्धिकरण प्रक्रिया नहीं बल्कि चुनावी संगठनात्मक रणनीति भी है. 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि चुनाव सिर्फ उम्मीदवारों का नहीं पार्टियों के अंदरूनी संघर्ष, संगठन क्षमता और अनुशासन का भी मुकाबला है.

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