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Cloud Seeding in delhi Photograph: (Social)
Delhi Cloud Seeding Trial: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए सरकार ने क्लाउड सीडिंग तकनीक का एक और सफल ट्रायल किया है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि यह ट्रायल एक सेसना विमान के जरिए किया गया, जो मेरठ से उड़ान भरकर दिल्ली पहुंचा. इस प्रक्रिया में खेकड़ा, बुराड़ी, मयूर विहार, सादकपुर और भोजपुर सहित कई इलाकों में क्लाउड सीडिंग की गई.
ये है पूरी प्रक्रिया
जानकारी के अनुसार, इस पूरी प्रक्रिया में आठ फ्लेयर का उपयोग किया गया और ऑपरेशन करीब आधे घंटे तक चला. इसी क्रम में अब बाहरी दिल्ली के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी या बारिश देखने को मिली है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश की मात्रा बादलों में नमी पर निर्भर करेगी. फिलहाल राजधानी में नमी कम है और तापमान सामान्य से करीब तीन डिग्री कम दर्ज किया गया है.
#WATCH | Delhi | "The second trial of cloud seeding was conducted in Delhi by IIT Kanpur through Cessna Aircraft. The aircraft entered Delhi from the direction of Meerut. Khekra, Burari, North Karol Bagh, Mayur Vihar were covered under this. 8 flares were used in cloud seeding.… pic.twitter.com/xMby0wBLJh
— ANI (@ANI) October 28, 2025
मंत्री सिरसा ने बताया कि क्लाउड सीडिंग का तीसरा ट्रायल भी आज ही किया जा रहा है. मौसम की स्थिति के अनुसार, उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ऐसे कई और छोटे-छोटे ट्रायल किए जाएंगे ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके.
दिवाली के बाद से बढ़ा स्तर
दिल्ली में दिवाली के बाद से वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है. मंगलवार सुबह दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 305 रिकॉर्ड किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शहर के 38 निगरानी केंद्रों में से 27 केंद्रों ने इसी तरह के स्तर दर्ज किए.
अधिकारियों ने बताया कि यह क्लाउड सीडिंग भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग की मंजूरी से की गई. राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने का यह पहला पूर्ण प्रयास माना जा रहा है.
पांच ट्रायल की मंजूरी दी
सरकार ने इस परियोजना के तहत कुल 3.21 करोड़ रुपये की लागत से पांच ट्रायल की मंजूरी दी है. मौसम संबंधी दिक्कतों के कारण पहले यह योजना कई बार टल चुकी थी, लेकिन अब इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है. क्लाउड सीडिंग तकनीक में सिल्वर आयोडाइड या सोडियम क्लोराइड जैसे रासायनिक यौगिकों को बादलों में छोड़ा जाता है, जिससे नमी वाले कण संघनित होकर बूंदों का रूप लेते हैं और बारिश होती है. यह तकनीक फिलहाल दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के लिए उम्मीद की नई किरण बनी है.
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